अंडे बेचने वाला कैसे बना आईएएस ऑफिसर। IAS Manoj Kumar Roy Biography In Hindi

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जब कोई UPSC जैसा बड़ा सपना देखता हैं तो ओ उस स्तर तक मेहनत करता हैं जहाँ तक ओ सकता था। हमेशा देखा जाता हैं की जिनके पास संसाधन कम होता हैं वैसे लोग कड़ी मेहनत कर के सफलता सबसे पहले प्राप्त कर लेते हैं। एक ऐसी ही कहानी हैं बिहार के लाल मनोज कुमार रॉय की। मनोज के पास फ़ी भरने तक के पैसे नहीं। मनोज के पास पैसे की इतनी कमी हो गई थी कि मनोज को सब्जी और अंडे भी बेचने पड़े। कुछ समय तक सब्जी और अंडे बेचकर अपना और अपने परिवार का रोज़ी रोटी चलाए।

अंडे बेचने वाला कैसे बना आईएएस ऑफिसर। IAS Manoj Kumar Roy Biography In Hindi
अंडे बेचने वाला कैसे बना आईएएस ऑफिसर। IAS Manoj Kumar Roy Biography In Hindi



मनोज का जन्म बिहार सुपौल जिले में बेहद ही गरीब परिवार में हुआ था। मनोज के माता – पिता बताते हैं कि ” मनोज बचपन से ही पढ़ाई तेज़ थे। लेकिन सरकारी स्कूल का बुरा हाल था। कोई शिक्षक स्कूल में आता ही नहीं था , सरकरी स्कूल में शिक्षकों का अभाव था।” आपको भी पता होगा कि हर गरीब परिवार अपने बच्चे से यही उम्मीद रखता हैं कि किसी भी तरह से बच्चा पढ़ाई ख़त्म करके कोई नौकरी करले और घर का खर्चा उठा ले। मनोज के माता – पिता भी मनोज से भी यही उम्मीद लगाए बैठे थे।



मनोज अपनी शुरूआती शिक्षा समाप्त करने के बाद नौकरी के तलाश में दिल्ली चले गए। अब आगे पढ़ाई करने का कोई विचार नहीं था। वे एक नौकरी करके अपने घर – परिवार का खर्चा उठाना चाहते थे। परिवार का भी मनोज से यही उम्मीद था। फिर दिल्ली के अलग – अलग जगह पर जाकर नौकरी की तलाश करने लगे। लेकिन उन्हें कही भी नौकरी नहीं मिली। फिर अंत में मनोज ने सब्जी और अंडे की दुकान खोल दी। जिससे वे अपने परिवार का खर्चा उठा सके।

मनोज अपने दुकान से राशन लेकर JNU में पहुंचाने जाते थे। वही उस कॉलेज में उनके जिले सुपौल के एक उदय कुमार नाम के लड़के से मुलाकात हुई और दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। फिर उदय ने ही मनोज को दोबारा पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया। अब मनोज को भी लगने लगा कि पढ़ाई पूरी करने के बाद अच्छी से अच्छी नौकरी मिल सकती हैं।

इनके बारे में भी पढ़िए।

आईएएस स्मिता सभरवाल।
आईपीएस अकुन सभरवाल।
आईएएस आरती डोगरा।
आईपीएस नवजोत सिमी।



इसके बाद मनोज के दोस्त उदय ने ही UPSC के तैयारी के लिए कहां। मनोज तो पहली बार माना कर दिए। लेकिन कुछ दिन सोचने के बाद UPSC तैयारी में जुट गए। 3 बार असफल होने के बाद मनोज अपने अंग्रेजी पर कुछ ज्यादा ही देने लगे। लेकिन मेंस और इंटरव्यू क्लियर नहीं कर पाए थे। लेकिन ओ दिन भी आ गया जब मनोज की मेहनत रंग लाई। मनोज 2010 में सिविल सेवा एग्जाम पास की। और पुरे देश भर में 870वीं रैंक लाये। और आईएएस ऑफिसर बनने की सपने को साकार किया।



मनोज कुमार रॉय कौन हैं ?

आज के समय में मनोज एक आईएएस अफसर हैं। अपने संघर्ष के दिनों में ये अंडे बेचने का काम किया करते थे। ये बिहार के सुपौल जिला के रहने वाले हैं।

आईएएस मनोज कुमार रॉय रैंक।

पुरे देश भर में 870वीं रैंक लाये।

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