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IAS के परीक्षा में लगातार 4 बार फेल हुए, 5वीं प्रयास में कैसे लाई 12वीं रैंक
आज की सफ़लता कहानी हैं केरल के कोझिकोड जिले के रहने वाले डॉ मिथुन प्रेमराज की। जिन्होंने अपने मेडिकल जाँच के बाद UPSC एग्जाम देने का मन बनाया। लेकिन लगातार चार बार असफल हुए और आखिरकार पाँचवी प्रयास में सफ़लता हासिल की। आज के समय में मिथुन एक आईएएस ऑफिसर हैं। आज हम इनके बारे में ही जानने वाले हैं।

बचनप से ही काफ़ी मेहनती थे मिथुन प्रेमराज
मिथुन बचनपन से ही काफ़ी मेहनती छात्र रहे हैं। 12वीं की पढ़ाई इन्होंने पुडुचेरी के जवाहरलाल इंस्टिट्यूट ऑफ़ पोस्टग्रेडुएशन मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च में डॉक्टरी (चिकित्सा) की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ नई दिल्ली से पब्लिक हेल्थ में डिप्लोमा की। मिथुन प्रेमराज एक डॉक्टर के परिवार से हैं। मिथुन के पिता डॉ प्रेमराज जाने माने बाल रोग के विशेषज्ञ हैं।
चार बार फेल होने के बाद मिली सफ़लता।
मिथुन प्रेमराज के कथन अनुसार उन्होंने साल 2015 में मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर ली थी। लेकिन उनका सपना आईएएस ऑफिसर बनने का था। फिर उन्होंने तैयारी शुरू कर दी, उनके परिवार ने भी उनका सपोर्ट किया। UPSC की परीक्षा पास करना मिथुन प्रेमराज के लिए आसान नहीं था। एक साल के कड़ी तैयारी के बाद उन्होंने पहली बार 2016 में UPSC की परीक्षा दी, लेकिन वे पहली बार फेल हो गए। लगातार मिथुन प्रेमराज 2019 तक असफल होते रहे। अंततः वे अपनी पांचवी प्रयास यानि की 2020 में सफल हो गए और पुरे भारत में 12वीं रैंक हासिल करके आईएएस ऑफिसर बने।
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