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14 साल में पिता की मृत्यु, मेंस के एक्जाम के दौरान माँ बीमार फिर ऐसे बनी रेहाना आईएएस ।

आज हम बात कर रहे हैं जम्मू डिवीज़न के पुंछ की पहली महिला आईएएस ऑफिसर रेहाना बशीर के बारें में। रेहाना बशीर पेशे से एक डॉक्टर थी। लेकिन आज के तारीख़ में वें एक आईएएस ऑफिसर हैं। रेहाना का सपना डॉक्टर बनना था न कि आईएएस ऑफिसर। अच्छे नंबर से 12वीं पास करने के बाद रेहाना ने शेर-ऐ -कश्मीर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में दाख़िला लिया। रेहाना बहुत खुश थीं क्योंकि उनका डॉक्टर बनने की सपना पूरा हो रहा था। लेकिन उन्हें अपने इंटर्नशिप के दौरान एहसास हुआ कि जीवन में कितना कुछ किया जा सकता हैं। बस इसी आईडिया के साथ रेहाना ने नीट पीजी में एडमिशन नहीं लिया और UPSC के तैयारी में जुट गई।
IAS Rehana Bashir Struggle Story [ आईएएस रेहाना की संघर्ष की कहानी ]
किसी का जीवन आसान नहीं होता, तकलीफ़ तो हर किसी के जीवन में होता ही हैं। ठीक इसी प्रकार रेहाना का जीवन दुःख, तकलीफ़ और संघर्ष में बिता। रेहाना केवल 14 की थी तब इनके पिता का निधन हो गया। फिर रेहाना उनके छोटे भाई का जिम्मेदारी उनकी माँ पर आ गई। पिता के मृत्यु के बाद उनके परिवार के सामने कई तरह के समस्या आई, लेकिन उनलोगों उन समस्याओं से डट कर सामना किया।
छोटे भाई ने UPSC के तैयारी के लिए दिया गाइडेंस
रहना अपने घर पर रहकर ही UPSC की तैयारी शुरू कर दी। लेकिन समस्या ये आ रहीं थी कि UPSC के तैयारी के लिए गाइडेंस कहाँ से लिया जाये, किस से लिया जाये। इस समस्या रेहाना को उनके छोटे भाई ने निकाला। रेहाना के छोटा भाई पहले से ही UPSC की तैयारी कर रहा था। रेहाना के छोटे भाई ने ही रेहाना को अच्छे से गाइड किया कि कैसे UPSC का तैयारी की जाती हैं।
आईएएस रेहाना कब बनी आईएएस
रेहाना को उनके छोटे भाई का पूरा साथ मिला। रेहाना 2017 में अपना पहला एटेम्पट दिया लेकिन तैयारी बेहतर न होने के कारण पहली बार में सफलता ने मिल सका। फिर रेहाना ने 2018 में दूसरी बार UPSC का एग्जाम दी और दूसरी अटेम्प्ट में 187 रैंक लाकर जम्मू डिवीज़न के पूंछ की पहली महिला आईएएस बनी।
मेंस के एग्जाम के दौरान माँ के स्वास्थ और घर दोनों को संभाला
रेहाना जब मेंस की एग्जाम दे रही थी तब उनके माँ का हिप फ्रैक्चर हो गया। जिसके बाद पुरे घर और माँ के हेल्थ का ज़िम्मेदारी रेहाना के ऊपर आ गया। उस समय एक अच्छी बेटी होने के साथ-साथ रेहाना माँ की हेल्थ, घर और अपने एग्जाम को संभाला। रेहाना घर के काम के साथ अपनी पढ़ाई बिना किसी शिकायत के करती रही। आज के समय में रेहाना उन सभी लड़कियों के लिए उदहारण बन गई हैं जो जिम्मेदारियों के बोझ तले अपने सपने को पीछे छोड़ देती हैं। हर परिस्थिति में अपने सपने को पूरा करने का प्रयास करते रहना चाहिए ,चाहे ओ कोई लड़की हो या फिर लड़का।
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IAS Rehana Current Posting
west bengal ( पश्चिम बंगाल )
IAS Rehana Rank
रेहाना 2017 में अपना पहला एटेम्पट दिया लेकिन तैयारी बेहतर न होने के कारण पहली बार में सफलता ने मिल सका। फिर रेहाना ने 2018 में दूसरी बार UPSC का एग्जाम दी और दूसरी अटेम्प्ट में 187 रैंक लाकर जम्मू डिवीज़न के पूंछ की पहली महिला आईएएस बनी।
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