Osho (Rajnish) Biography in Hindi। ओशो जीवनी क्यों हैं रहस्यमयी

Osho (Rajnish) Biography in Hindi। ओशो जीवनी क्यों हैं रहस्यमयी
Osho (Rajnish) Biography in Hindi। ओशो जीवनी क्यों हैं रहस्यमयी

Osho Biography in Hindi – आध्यात्मिक गुरु ओशो का नाम अक्सर विवादों और चर्चाओं के बीच रहता है और इनके बारे में बहुत सी रहस्यमय कहानियां भी सुनने में आती है। जिसके चलते अक्सर लोग इनके जीवन के बारे में जानने की इच्छा रखते है कि वास्तव में ओशो कौन है और क्या वास्तव में इनकी रहस्यमय स्टोरीज सच हैं। इसलिए अगर आप भी उन्हीं पाठकों में से एक है जो ओशो के जीवन से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में जानना चाहते हैं। तो हमारे इस आर्टिकल में अंत तक बने रहे । क्योंकि हम ओशो के जीवन के प्रत्येक तथ्य पर विस्तृत रूप से चर्चा करेंगें। तो आइऐ ओशो के व्यक्तिव के बारे में विस्तार से जानते है –

पूरा नाम (Full Name)चंद्रमोहन जैन
उप नाम (Nick Name)ओशो, आचार्य रजनीश
जन्म तिथि (Date of Birth)11 दिसंबर 1931
जन्म स्थान (Birthplace)मध्य प्रदेश,रायसेन, कुचवाड़ा गांव
राष्ट्रीयता (Nationality)भारतीय
धर्म (Religion)हिन्दू
पेशा (profession)प्रोफेसर, धर्मगुरु
गर्लफ्रेंड (Girlfriend)मां आनंद शीला, मां प्रेम निर्वानो
वजन (Weight)68 kg
पत्नी (Wife)अविवाहित
नेट वर्थ (Net Worth)1000 करोड़ रुपये लगभग
माता (Mother Name)सरस्वती जैन
पिता (Father Name)बाबूलाल जैन
मृत्यु (Death)19 जनवरी 1990

ओशो का प्रारंभिक जीवन (Osho Early Life)

ओशो का जन्म 11 दिसंबर 1931 को मध्य प्रदेश के रायसेन जिले की बरेली तहसील में कुचवाड़ा गांव में हुआ था। इनके मूल नाम चंद्रमोहन जैन था और इनके पिता का नाम बाबूलाल जो की कपड़े के व्यापारी थे और माता का नाम सरस्वती था।

ओशो ने अपना प्रारंभिक जीवन अपने दादा और दादी के साथ बिताया और बचपन से इन्हें इन्होंने आराम पुर्ण और स्वतंत्रतामय जीवन जिया। जिसके बाद दर्शन विषय से ही इन्होंने अपनी शिक्षा पूर्ण की और फिर जबलपुर यूनिवर्सिटी में लेक्चरर के रुप काम किया।

जिसके बाद ये बहुत से धर्म आंदोलनों में भाग लेने लगे और प्रवचन देने लगें। जिसके चलते इन्हें बहुत से लोग फॉलो करने लगे। जिसके बाद अंत में अपनी नौकरी को नवसन्यास आंदोलन की शुरुआत की। जिसके बाद यह इनकी छवि धर्मगुरु के रुप में उभरी और इन्हें ओशो, भगवान रजनीश, आचार्य रजनीश आदि नाम से जाना गया।

ओशो की शिक्षा (Acharya Rajneesh (Osho) Education)

ओशो बचपन से ही काफी जिज्ञासु किस्म के थे जिसके चलते वे अक्सर अपने अध्यापकों से सामाजिक धार्मिक मुद्दों पर सवाल – जबाब करते रहते रहते थे। जिसक कारण जब वे जबलपुर के हितकारणी कॉलेज में अध्यन करते थे। तब उनकी वहस एक शिक्षक से हो गयी।

जिस कारन उन्हें कॉलेज से निकाल दिया गया। जिसके बाद उन्होंने डी एन कॉलेज में प्रवेश लिया और वहां से दर्शन (Philosaphy) विषय से स्नातक की परीक्षा वर्ष 1995 उत्तीर्ण की और फिर सागर यूनिवर्सिटी से 1997 में फिलोसाफी सब्जेक्ट से परास्नातक की परीक्षा पास की।

धर्मगुरु ओशो ओशो की प्रसिद्धि (Osho Popularity)

ओशो रजनीश की प्रसिद्धि की बात करें? तो भारत में ही नहीं पर बल्कि पुरे विश्व में लाखों की संख्या में अनुयाई है। जिनके लिए ओशो पूज्यनीय है। इनकी प्रसिद्धि का अंदाजा आप यहां से ही लगा सकते है कि एक धर्मगुरु होने के बाबजूद इनकी हजारों करोड़ की संपत्ति थी और रॉयल राय जैसी गाड़ियों पर इनका मलिकाना हक था।

Osho (Rajnish) Biography in Hindi। ओशो जीवनी क्यों हैं रहस्यमयी
ओशो

ओशो ने स्वयं अपनी एक पुस्तक में लिखा है कि वे खुद को 20वीं शताब्दी का सबसे बड़ा तमाशेबाज मानते है। इसके अलावा भारत के बहुत से शहरों में उनके आश्रम हैं और सबसे पहले आश्रम की स्थापना ओशो द्वारा “रजनीश केन्द्र” के नाम से की गई और जो विचित्र दर्शन के कारण शीघ्र ही पुरे विश्व में प्रसिद्ध हो गया।

ओशो की मृत्यु (Osho Death Story)

ओशो की मृत्यु कहानी काफ़ी रहस्यमयी है कहा जाता है कि जब ओशो अमेरिका की जेल में थे तब जेल अधिकारियों द्वारा उन्हें जहर का सेवन कराया जाता है जिसके चलते वे बीमार हो गए और अमेरिका सरकार ने उन्हें डिपोर्ट करवाया। जिसके बाद पुणे के कोरेगांव पार्क इलाके में स्थिती निजी आश्रम में आकर ये रहने लगे और वहीं इनकी मृत्यु 19 जनवरी 1990 को हो गई।

इसके अलावा ओशो का डेथ सर्टिफिकेट जारी करने वाले डॉक्टर गोकुल गोकणी ने बहुत सालों बाद ओशो की मृत्यु के कारण को लेकर अपनी चुप्पी तोडी है। जिसके बार उनका कहना है कि गलत जानकारी को देकर मुझसे ओशो के मृत्यु प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर लिए गए थे। जिस कारण ओशो रजनीश की मृत्यु का रहस्य अभी भी बरकरार है।

ओशो रजनीश की संपत्ति वसीयत (Osho Rajneesh Property Bequest)

ओशो के नाम पर हजारों करोड़ की चल और अचल सम्पत्ति थी और वहीं उनके द्वारा लिखित किताबों एवम् अन्य चीजों से प्रत्येक वर्ष लगभग 100 करोड़ की रॉयल्टी मिलती है। लेकिन उनकी एक वसीयत के अनुसार अब उनकी सब संपत्ति पर ओशो इंटरनेशनल का कब्जा है।

लेकिन ये वसीयत कभी विवादित है और वसीयत को लेकर योगेश ठक्कर का दावा है कि ओशो इंटरनेशनल जिस वसीयत के अनुसार ओशो की संपत्ति और आश्रम पर कब्जा कर लिया। वो एक फर्जी वसीयत है। लेकिन ओशो की शिष्या अमृता साधना ने इस आरोप का खण्डन कर दिया है।

ओशो की प्रमुख पुस्तकें (Osho Top 10 Books)

ओशो ने अपने जीवन के दौरान बहुत सी पुस्तकें लिखी। जिसमें से प्रमुख 10 पुस्तकें कुछ निम्न प्रकार उल्लेखित है –

क्रम संo पुस्तक का नाम
1.एस धम्मो सनातनो
2.कृष्ण स्मृति और गीता दर्शन
3.संभोग से समाधि की ओर[PDF]
4.महावीर वाणी
5.ध्यान योग, प्रथम और अंतिम मुक्त
6.पतंजलि योग सूत्र
7.ग्लिम्सपेज
8.विज्ञान भैरव तंत्र
9.मैं मृत्यु सिखाता हूं
10.देख कबीरा रोया

ओशो के जीवन से जुड़े रोचक तथ्य – (Osho)

  • ओशो को भारत के अंदर विचित्र विचारधारा के कारण कामुकता बाबा और वहीं अमरिका में इन्हें रॉल्स रॉयस जैसी कारों को रखने के लिए रॉल्स रॉयस बाबा के नाम से भी जाना जाता था।
  • ओशो एक धर्मगुरु थे और लोगों को अपने विचारों से प्रभावित करते थे। जिसके बाबजूद वे स्वयं मदिरा का सेवन करते थे और अपने लव अफेयर्स को लेकर भी विवादों में रहते थे।
  • कहा जाता है कि इन्होंने अपने जीवन काल 1.5 लाख किताबों का अध्ययन किया।
  • आचार्य में अपने जीवन के शुरुआती दिनों में फिलोसापी लेक्चरर के रुप में भी कार्य किया था।

FAQs

ओशो अमेरिका कब और क्यों गए थे?

सत्तासीन राजनीतिक पार्टी जनता पार्टी के साथ मतभेद होने कारण ओशो रजनीश को वर्ष 1980 में देख छोड़ना पढ़ा।

ओशो की मृत्यु कब और कैसे हुई?

ओशो के मृत्यु की कहानी रहस्यमय है लेकिन कहा जाता है कि उनकी मृत्यु बीमार पड़ने से 19 जनवरी 1990 हुई थीं। लेकिन बहुत से लोग इस बाद गलत ठहराते है।

भारत में ओशो का आश्रम कहां स्थित है?

भारत के अंदर ओशो का मुख्य आश्रम पुणे के कोरेगांव नामक इलाके में स्थित है।

Dushyant Kumar

मैं उत्तर प्रदेश के बरेली डिस्ट्रिक्ट का रहने वाला हूं और पिछले 4 वर्ष में विभिन्न Blogs पर कंटेंट राइटर के रूप में कार्य कर चुका हूं और उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा लेखों के माध्यम से दी जाने वाली इंफॉर्मेशन आपके लिए Useful साबित होती होगी।

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