क्या आपने कभी सोचा हैं कि अगर चाँद नहीं होता तो हमारी पृथ्वी कैसी होती ?आपने कभी सोचा हैं कि अगर चाँद फट जाये तो क्या होगा? आपने कभी सोचा हैं कि चाँद का जन्म कैसे हुआ और कब हुआ? आज मैं आपको बताने वाल हु कि आगरा चाँद फट जाये या फिर गायब हो जाये तो क्या होगा ?और चाँद का जन्म /निर्माण कब हुआ। अगर आप जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए। इसके अलावा आप यह भी जानेगे कि समुन्द्र में लहरे क्यों आती हैं , समुन्द्र में ज्वार क्यों उत्पन्न होता हैं आखिर इसके पीछे क्या कारण हैं। तो चलिए जान लेते हैं।
चाँद का जन्म/निर्माण कब हुआ ?
यह बात आज से करीब 450 करोड़ साल पहले की हैं जब पृथ्वी के साथ-साथ बहुत सारे ग्रहों निर्माण हुआ था। उस समय पृथ्वी अकेले सूरज का चक्कर लगाया करती थी ,लेकिन कुछ समय बाद इत्तेफाक से थिया(मंगल ग्रह के आकर का एक पिंड ) नाम का एक पिंड और पृथ्वी के बीच में जबरदस्त टक्कर होती हैं , इस टक्कर से पृथ्वी के कुछ हिस्सा टूट जाता हैं और अंतरिक्ष में चला जाता हैं किन्तु पृथ्वी का ग्रुत्वकर्षण बल इतना अधिक होता हैं कि उन टुकड़ो को पृथ्वी अपने तरफ खींचने लगता हैं और ये टुकड़े पृथ्वी के गोल – गोल चक्कर लगाने लग जानते हैं। ऐसे ही गोल -गोल चक्कर लगते लगते एक गोलाकार आकर ले लेता हैं और ऐसे में निर्माण होता हैं चाँद का।
चाँद को मामा क्यों कहते हैं ?
चाँद को हमलोग मामा कहते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि चाँद को मामा क्यों कहा जाता हैं? तो चलिए जान लेते हैं।
यह बात आज से करीब 450 करोड़ साल पहले की हैं जब पृथ्वी के साथ-साथ बहुत सारे ग्रहों निर्माण हुआ था। उस समय पृथ्वी अकेले सूरज का चक्कर लगाया करती थी ,लेकिन कुछ समय बाद इत्तेफाक से थिया(मंगल ग्रह के आकर का एक पिंड ) नाम का एक पिंड और पृथ्वी के बीच में जबरदस्त टक्कर होती हैं , इस टक्कर से पृथ्वी के कुछ हिस्सा टूट जाता हैं और अंतरिक्ष में चला जाता हैं किन्तु पृथ्वी का ग्रुत्वकर्षण बल इतना अधिक होता हैं कि उन टुकड़ो को पृथ्वी अपने तरफ खींचने लगती हैं और ये टुकड़े पृथ्वी के गोल – गोल चक्कर लगाने लग जानते हैं।
ऐसे ही गोल गोल चक्कर लगते लगते एक गोलाकार आकर ले लेता हैं और ऐसे में निर्माण होता हैं चाँद का। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि चाँद पृथ्वी का गोल – गोल चक्कर लगता हैं इसीलिए पृथ्वी का भाई चाँद को कहा जाता हैं क्योंकि पृथ्वी का गोल – गोल चक्कर लगा के चाँद एक भाई की तहर पृथ्वी की रक्षा करता हैं इसीलिए पृथ्वी का भाई चाँद को कहा जाता हैं।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पृथ्वी को हमलोग माता बुलाते हैं तो माता का भाई हैं चाँद, तो इस नाते माँ का भाई मामा हुआ। लेकिन याद रहे कि केवल सनातन धर्म ( हिन्दू ) में ही धरती को माँ और चाँद को मामा कहा हैं। वीडियो देखे।
चाँद को मामा क्यों कहते हैं ?
समुन्द्र में लहरें क्यों आता हैं ?
अगर मैं आप से पूछूँ कि समुन्द्र में लहरे क्यों आता हैं तो आपका क्या जवाब होगा ? यही कि समुन्द्र में लहरे आंधी तूफ़ान के वजह से आता हैं। नहीं ! आपका जवाब एकदम गलत है समुन्द्र में लहरे आंधी तूफान के वजह से नहीं बल्कि चाँद के वजह आता हैं कैसे ? चलिए जान लेते है।
चाँद पृथ्वी की चक्कर लगते – लगते पृथ्वी पर जितने भी समुन्द्र हैं उसे अपने नियंत्रण में रखता हैं। चाँद अपने ग्रुत्वकर्षण बल के मदद से पृथ्वी पर जितने भी समुन्द्र हैं उसे अपने तरफ खींचता हैं। जिससे समुन्द्र में लहरे और तूफान आता हैं।इसके पीछे आँधी तूफ़ान नहीं बल्कि चाँद हैं, लेकिन हमारे दिमाग में फिल्म , टीवी सीरियल वाले गलत जानकारी भर दिए हैं कि समुन्द्र में लहरे अंधी तूफ़ान के वजह से आता है जो कि गलत हैं।
अगर चाँद फट जाये तो क्या तो क्या होगा?
चाँद पृथ्वी की चक्कर लगते – लगते पृथ्वी पर जितने भी समुन्द्र हैं उसे अपने नियंत्रण में रखता हैं। चाँद अपने ग्रुत्वकर्षण बल के मदद से पृथ्वी पर जितने भी समुन्द्र हैं उसे अपने तरफ खींचता हैं। जिससे समुन्द्र में लहरे और तूफान आता हैं।
सूरज भी अपने ग्रुत्वकर्षण बल के मदद से पृथ्वी के समुन्द्र को अपने तरफ खींचता हैं लेकिन सूरज के गुरुत्वाकर्षण बल का प्रभाव पृथ्वी पर बहुत कम पड़ता हैं और इसका कारण हैं पृथ्वी और सूरज की बीच की दुरी। पृथ्वी और सूरज की बीच की दुरी 15 करोड़ 37 लाख 60 हजार किलोमीटर हैं।
इसी कारण से पृथ्वी पर सूरज के गुरुत्वाकर्षण बल का प्रभाव बहुत कम पड़ता हैं। और चाँद एवं पृथ्वी की बीच की दुरी 3 लाख 84 हजार 400 किलोमीटर हैं जिससे पृथ्वी पर चाँद के गुरुत्वाकर्षण बल का प्रभाव ज्यादा पड़ता हैं। और ये चाँद पृथ्वी पर जो समुन्द्र हैं उसे अपने गुरुत्वाकर्षण बल के मदद से अपने नियंत्रण में रखता है।
अब सोचो की ब्रह्माण्ड से चाँद गायब हो जाये, चाँद फट जाये तो क्या होगा ? पृथ्वी पर जितने समुन्द्र हैं उसे नियंत्रण कौन करेगा? जब चाँद का नियंत्रण पृथ्वी के समुन्द्र हट जायेगा तो समुन्द्र में बड़ा तूफ़ान आएगा। जिससे समुन्द्र के पानी समुन्द्र से बहार आ जायेगा, सूखे स्थानों पर आ जायेगा जिस से पृथ्वी पर हाहाकार मच जायेगा, चारो तरफ पानी ही पानी होगा। पृथ्वी पानी से ढक जाएगी , पृथ्वी पर कोई भी जीव नहीं बचेगा। पृथ्वी फिर से वैसा ही हो जायेगा जैसा शुरू में था। चाँद के अनुपस्थिति में पृथ्वी तबाह हो जायेगा।
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