तुम कलयुग की ‘राधा’ हो – चंद्रा फुलार । Tum kalyuk ki ‘Radha’ ho

तुम कलयुग की 'राधा' हो तुम पूज्य न हो पाओगी...! कितना भी अलौकिक और नैतिक प्रेम हो तुम्हारा तुम दैहिक पैमाने पर नाप दी जाओगी...! तुम मित्र ढूँढोगी वे प्रेमी बनना चाहेंगे तुम आत्मा सौंप दोगी वें देह पर घात लगाएंगे पूर्ण समर्पित होकर भी तुम 'राधा' ही रहोगी 'रुक्मणी'…

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दिमाग वाली स्त्री से प्रेम । Dimag wali stri se prem।

इस कविता को अनुपमा भगत ने लिखी हैं जो काफ़ी गाहराइयों तक जाकर दिल को छू लेने वाली कविता लिखे जाने के लिए जानी जाती हैं । इस कविता में उन्होने बताया हैं कि आसान नहीं होता दिमाग वाली स्त्री से प्रेम करना । एक सच्चा प्रेम क्या होता हैं…

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Main Tujhe Kaise Bhulau
Main Tujhe Kaise Bhulau

तेरी यादों को कैसे भुलाऊ। Teri Yaado ko Kaise Bhulua Main

मैं तुझे कैसे भुलाऊ । मुझे पता है तुम्हारे मन मे क्या सवाल चल रहा है यही न कि इतने सालों से नाराज इंसान आज मिलने को क्यों बुलाया है, सच तो ये है कि मैं कभी नाराज था ही नही है और न ही गुस्सा था। ये सारी नफरते…

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कुछ-रिश्ते-ऐसे-भी-।
कुछ-रिश्ते-ऐसे-भी-।

कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं। Kuchh Rishte Aise Bhi Hote Hai

नॉलेज फॉक के तरफ से एक नई शुरुआत। अच्छा लगे तो कमेंट करके जरूर बताइयेगा। अब पढ़ो प्यार से प्यार भरी कहानियाँ । कुछ-रिश्ते-ऐसे-भी-। तुम्हारी व्यस्तताओं का,तुम्हारे अपनो के बीच कभी खलल नही बनना चाहता मैं, मगर तुम्हारे खाली वक़्त का विकल्प भी नही होना चाहता... तुम्हारी समाजिक जिंदगी में…

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