दांडी मार्च
अंग्रेजो ने नमक पर 2400% टैक्स बढ़ा दिया। गाँधी बोले नमक तो प्रकृतिक दे रही हैं तुम क्यों 24% से नमक के 2400% ले रहे हो। गाँधी बोले हम अपना खुद का नमक बना सकते हैं।
दांडी मार्च पर चलने के लिए गाँधी जी ने खुद 79 वालंटियर्स चुने थे। गाँधी जी ने साफ कह दिया था कि पक्का नहीं हैं कि दांडी मार्च से जिन्दा वापस लौटेंगे क्योकि रास्ते में अंग्रेज तुम्हे मरेंगे पीटेंगे बहुत दर्द होगा , अगर ये सब तैयार हो तो चलो मेरे था। 79 लोगो ने मान लिया की हम मरने को भी तैयार हैं।
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और ओ लोग गाँधी के साथ पीटने के लिए चल पड़े। दांडी मार्च 12 मार्च 1930 को शुरू हुआ था और लगातार 5 अप्रैल तक चली थी। क्योंकि उन लोगो को ओ टैक्स हटाना था। 358 किलोमीटर के दांडी मार्च वे लोग चलते चले गए। गाँधी ने रास्ते में अंग्रेजों से खुद भी पिटाई खाई और उनके साथ जो 79 लोग थे उन्हें भी पिटवाई।
रास्ते में अंग्रेजो ने इन लोगो को को बहुत मारा। लेकिन हुआ क्या 79 लोगो से बढ़ कर रास्ते 20000 लोगो हो गए और ये लोग अंग्रेजो से बोलने लगे हमको भी मारो। इस से आंदोलन को मजबूती मिली लेकिन गाँधी खुद भी पिटाई खाई और 20000 लोगोको भी पिटवाया। आपको क्या लगता हैं गाँधी का इस तरह से पिटाई खाना लोगो को भी पिटवाना ये गाँधी की मज़बूरी थी या मजबूती आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हो।
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