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हिंदी मीडियम से आईएएस ऑफिसर बनकर रचा इतिहास।
आज की सफलता की कहानी मध्यप्रदेश के खरगोन की रहने वाली गरिमा अग्रवाल की हैं। गरिमा हिंदी मीडियम से पढ़ाई कर इंजीनियरिंग की और फिर पहले प्रयास में UPSC परीक्षा पास की। UPSC परीक्षा पास करने के बाद इनको आईपीएस ऑफिसर के लिए चुन लिया गया। लेकिन इनको आईएएस बनना था, इसीलिए ये रुकी नहीं फिर से परीक्षा के तैयारी में जुट गई। और अपने दूसरे एटेम्पट में परीक्षा पास की आईएएस ऑफिसर गई।
12वीं के बाद गरिमा अग्रवाल ने जेईई परीक्षा में सफलता हासिल की और आईआईटी हैदराबाद में दाखिला लिया। आईआईटी में इंजीनियरिंग करने के बाद जर्मनी से इंटर्नशिप की। लेकिन गरिमा को जर्मनी में नौकरी नहीं मिली और फिर अपने देश भरता लौटकर UPSC की तैयारी में जुट गई।
जर्मनी में जॉब नही मिला तो भारत लौटकर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी
जर्मनी से लौटने के बाद गरिमा अग्रवाल ने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी और करीब डेढ़ साल के तैयारी के बाद परीक्षा दी। गरिमा अपने पहले प्रयास में वर्ष 2017 में 240वीं रैंक हासिल की। 240वीं रैंक आने के कारण गरिमा को आईपीएस ऑफिसर के लिए चुन लिया गया।
आईपीएस बनने के बाद भी गरिमा खुश नहीं थी क्योंकि उनको आईएएस ऑफिसर बनना था। आईपीएस के ट्रैंनिंग के साथ – साथ गरिमा UPSC की तैयारी भी जारी रखी। अगले साल 2018 में उन्होंने दूसरी बार परीक्षा दी और अपने दूसरे प्रयास में 40वीं रैंक हासिल की। अब उन्हें आईएएस ऑफिसर के लिए चुन लिया गया। ऐसे गरिमा का आईएएस बनने का सपना साकार हुआ।
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कौन हैं गरिमा अग्रवाल?
गरिमा एक आईएएस अधिकारी हैं । ये मध्यप्रदेश के खरगोन की रहने वाली हैं ।
गरिमा अग्रवाल रैंक
गरिमा अपने पहले प्रयास में वर्ष 2017 में 240वीं रैंक हासिल की।अगले साल 2018 में उन्होंने दूसरी बार परीक्षा दी और अपने दूसरे प्रयास में 40वीं रैंक हासिल की। अब उन्हें आईएएस ऑफिसर के लिए चुन लिया गया।