Uniform civil code kya hai full detail in hindi। यूनिफॉर्म सिविल कोड के फायदे। यूनिफॉर्म सिविल कोड कब लागू हुआ। समान नागरिक संहिता पर निबंध। समान नागरिक संहिता article। समान नागरिक संहिता के खिलाफ तर्क। समान नागरिक संहिता PDF। समान नागरिक संहिता के पक्ष और विपक्ष। समान नागरिक संहिता क्या है हिंदी।
जैसा कि आप लोग जानते हैं कि हाल के दिनों में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा मध्यप्रदेश में एक कार्यक्रम के दौरान इस बात की घोषणा की गई कि देश में बहुत जल्दी यूनिफॉर्म सिविल कोड लाया जाएगा। ताकि देश में एक कानून संहिता को लागू किया जा सके जो कानून की नजर में सभी धर्म के लोग एक के लिए समान रहे।
आप लोगों को मालूम ही होगा कि भारत में धर्म के अनुसार कानून की प्रक्रिया और उसके नियम अलग-अलग है जिसके कारण भारत के कोर्ट को अपना फैसला सुनाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। यही वजह है कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की तैयारी काफी दिनों से चल रही है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल आता है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है और देश में इस कानून को लाने के क्या फायदे होंगे। अगर आप भी इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे साथ आर्टिकल पढ़ते रहे । आइए जानते हैं-
Uniform civil code Kya Hai (समान नागरिक संहिता बिल क्या है?)
Uniform civil code जिसे हिंदी में समान नागरिक संहिता काहा जाता है। इसका सीधा सा मतलब है कि एक ऐसा कानून जो सभी धर्मों के लिए समान होगा और उसका पालन सभी लोगों को करना होगा। ताकि कानून के नजर में सभी धर्म के लोग एक समान हो और इस कानून के आने से न्यायपालिका के ऊपर जो बोझ है उसे कम किया जा सकता है।
सबसे अहम बात है कि आज भी भारत में मुस्लिम, ईसाई और अन्य पार्टी अपने धर्म से जुड़े हुए सभी प्रकार के आवश्यक चीज जैसे शादी-विवाह, गोद लेना जैसी चीजों के लिए अपने पर्सनल लॉ बोर्ड के पास जाते हैं। इसके अलावा भारत में हिंदू और सिख बौद्ध धर्म के लोग सिविल कानून के अंतर्गत आते हैं। इसलिए देश में सभी धर्मों के लिए अलग कानून होने के कारण न्यायपालिका पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है। अगर देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड आता है तो न्यायपालिका को अपना फैसला सुनाने में कम समय लगेगा।
Civil Uniform civil code संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत आता है?
सिविल यूनिफॉर्म सिविल कोड संविधान के 40वे अनुच्छेद के अंतर्गत आता है जिसके अंतर्गत संविधान में इस बात की व्यवस्था है कि हर एक राज्य को अपने राज्य में सिविल यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना चाहिए। लेकिन आज की तारीख में भारत के केवल गोआ में ही सिविल यूनिफॉर्म सिविल कोड कानून लागू किया गया है। बाकी राज्यों में इस कानून को अभी तक लागू नहीं किया गया है। यही वजह है कि केंद्र सरकार के द्वारा बहुत जल्दी संसद में सिविल यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की तैयारी चल रही है। ऐसे में देखना होगा कि कब तक इसे कानूनी रूप से देशभर में लागू किया जाएगा।
Civil Uniform code कानून की जरूरत भारत में क्यों है?
भारत दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है और यहां पर कई धर्मों के रहने वाले लोग हैं और उन सभी धर्मों के अपने अलग-अलग परंपरा और रीति-रिवाज है तथा उनके लिए कानून की व्यवस्था भी संविधान में अलग है। यही वजह है कि देश में एक कानून लागू होने से कोर्ट को धर्मों से संबंधित फैसले सुनाने में काफी कम समय लगता हैं जैसा की आप लोगों को मालूम है कि भारत में आए दिन कोई ना कोई धर्म संबंधित विवाद आपको जरूर दिखाई पड़ेगा।
इसका एक कारण संविधान में धर्म से संबंधित नियम अलग-अलग होना भी हैं इसलिए सरकार ने इस बात की घोषणा की है कि सिविल यूनिफॉर्म कोड लाकर देश में समान नागरिक संहिता लागू किया जाएगा और सभी धर्मों को एक समान संविधान के मुताबिक अधिकार दिए जाएंगे। इस कानून के आने के बाद देश में धार्मिक संभावना को और भी ज्यादा मजबूत किया जा सकेगा। आप लोगों के मन में सवाल है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड कब तक देशभर में लागू होगा तो हम आपको बता दें कि इसकी कोई निश्चित तारीख अभी तक सरकार ने निर्धारित नहीं की है लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इसे बहुत जल्द संसद में पेश किया जा सकता हैं ।
Uniform civil code से फायदे क्या होंगे-
1. | समान संहिता लागू होने के बाद विवाह, विरासत और उत्तराधिकार सहित विभिन्न मुद्दों से संबंधित कानूनों को सहज और आसान बनाया जाएगा। |
2. | धर्म से जुड़े हुए मामले की सुनवाई न्यायपालिका तेजी के साथ कर पाएगा। |
3. | न्यायपालिका के ऊपर जो अतिरिक्त बोझ है उसे कम किया जा सकेगा। |
4. | यूनिफॉर्म सिविल कोड आने से सभी धर्म कानून की नजर में एक समान हो जाएंगे। |
5. | देश की एकता और अखंडता को मजबूत किया जाएगा। |
6. | देश में धार्मिक संभावना मजबूत और सशक्त बनेगी। |
7. | देश में सभी धर्मों को एक कानून के अंतर्गत लाना ताकि किसी प्रकार का भेदभाव देश में ना रह सके। |
8. | सामान नागरिक सहिंता लागु होने से खासकर मुस्लिम महिलाओं की स्थिति को सुधारा जायेगा। |
9. | तीन तलाक को बंद करने के बाद भी मुस्लिम समाज में अभी भी कई तरह के तलाक हो रहे हैं। जिनका खामियाजा मुस्लिम महिलाओं को भुगतना पर रहा हैं। UCC लागु होने से सभी धर्मो में तलाक की प्रक्रिया एक जैसी होगी। |
10. | मुस्लिम समाज में लड़कियों की शादी की उम्र मात्र 09 साल हैं। UCC लागु हो जाने से मुस्लिम लड़कियों के छोटी उम्र में शादी को रोका जा सकेगा। |
Uniform civil कोड भारत में लागू नहीं किए जाने से क्या-क्या समस्याएं आएंगे-
यूनिफॉर्म सिविल कोड अगर भारत में लागू नहीं होता है तो इससे भारत में कई प्रकार के समस्या उत्पन्न हो सकती है। प्रमुख तौर पर यूनिफॉर्म सिविल कोड के माध्यम से मुसलमानों के जितने भी कानून है उसमें बदलाव किए जाएंगे। ताकि उससे मुसलमान घर की बहन बेटियों को कानून के द्वारा विशेष प्रकार के अधिकार मिल सकेंगे। जिस प्रकार के अधिकार हिंदू धर्म में बहन बेटियों को प्राप्त है।
क्योंकि आप लोगों को मालूम है कि मुस्लिम धर्म में कानून पर्सनल लॉ बोर्ड के मुताबिक चलता है। जिसके कारण उनके मामलों में कोर्ट भी दखल अंदाजी नहीं कर पाती है। ऐसे में अगर सिविल यूनिफॉर्म कोड कानून आता है तो कोर्ट उनके फैसले आसानी से कर पाएगा।
इससे मुस्लिम बहन बेटियों को यातना और अत्याचार का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि आप लोगों को मालूम है कि मुस्लिम वर्ग के महिलाओं की शादी काफी कम उम्र में कर दी जाती है और कई लोग तो उन्हें कुछ दिनों के भीतर तलाक भी दे देते हैं। जिसके कारण उनका जीवन बर्बाद हो जाता है सबसे अहम बात है कि मुस्लिम धर्म में 1 से अधिक शादी कोई भी व्यक्ति कर सकता है और उसे भारत में गैरकानूनी नहीं माना जाएगा। अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड कानून आता है तो मुस्लिम धर्म में भी एक से अधिक शादी कोई भी व्यक्ति नहीं कर पाएगा अगर कोई ऐसा करता है तो उसे 7 साल की सजा का सामना करना पड़ेगा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड कानून का विरोध कौन कर रहा है?
यूनिफॉर्म सिविल कोड कानून का विरोध मुसलमानों के पर्सनल लॉ बोर्ड के द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा कई मुसलमान के मौलवी है जो इस बिल का घोर विरोध कर रहे हैं। क्योंकि उनके मुताबिक यह कानून उनके धर्म में सीधे तौर पर दखलअंदाजी है लेकिन हम आपको बता दें कि उनको इस बात का डर है कि अगर यह बिल देश भर में लागू हो जाएगा तो उनकी जो मनमानी है वह बिल्कुल समाप्त हो जाएगी।
यही वजह है कि वह लोगों को दिशा भ्रमित कर रहे हैं लेकिन सरकार ने इस बात के साफ संकेत दिया हैं कि इसे देशभर में लागू किया जाएगा और सभी मुस्लिम धर्म के धर्म गुरुओं के साथ सरकार अपनी एक मीटिंग भी आयोजित कर सकती है। जहां पर उनको इस बात की सूचना दी जाएगी कि इस बिल के आने से उनके धर्म में कोई भी दखल अंदाजी सरकार के माध्यम से नहीं हो रहा है बल्कि उनके बहन बेटियों के अधिकारों को और मजबूत और सशक्त किया जा रहा है।
वैलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता हैं? वैलेंटाइन डे का इतिहास (Valentine Day)
Uniform civil code दुनिया के किन किन देशों में लागू किया गया है-
अमेरिका आयरलैंड बांग्लादेश पाकिस्तान मलेशिया तुर्की इंडोनेशिया सूडान इजिप्ट |
ध्यान दे: ऊपर दिए गए अधिकांश देश मुस्लिम है इसके बावजूद भी यहां पर यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू किया गया है। जबकि भारत में इस बिल को लेकर विरोध मुस्लिमों द्वारा विरोध किया जा रहा है। भारत एक हिंदू बहुसंख्यक देश है उसके बावजूद भी यहां मुसलमान इस बिल का विरोध कर रहे हैं।
UCC लागू हुआ तो क्या असर होगा?
1. | यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से हिंदुओं (बौद्ध, जैन और अन्य समेत), मुसलमानों, ईसाइयों और पारसियों के पर्सनल लॉं को यहां पर रद्द किया जाएगा। |
2. | देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड अगर लागू होता है तो सभी धर्म के नागरिकों के लिए शादी तलाक बच्चा गोद लेने और संपत्ति के बंटवारे के नियम एक जैसे होंगे। इससे न्यायपालिका के ऊपर दबाव कम पड़ेगा। |
3. | यूनिफॉर्म सिविल कोड आने से शादी की एक न्यूनतम उम्र निर्धारित होगी। जिसके मुताबिक अगर कोई भी व्यक्ति शादी का पंजीकरण नहीं करवाता है तो उस शादी को कानूनी रूप से मान्यता नहीं दी जाएगी और ना ही उन्हें सरकारी योजना का लाभ मिलेगा। |
4. | यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से सभी धर्मों में एक से अधिक शादी करना गैरकानूनी माना जाएगा। |
5. | उत्तराधिकारी के मामले में माता-पिता की संपत्ति में बेटा और बेटी को बराबर हक मिलेगा। वहीं बच्चा गोद लेने के मामले में भी सभी के लिए समान कानून लागू होंगे। |
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने यूनिफॉर्म सिविल कोड कानून के बारे में क्या कहा था?
Uniform civil code कानून की मांग भारत के संविधान निर्माता और पहले कानून मंत्री डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के द्वारा किया गया था और इस पर चर्चा करते हुए 1951 में उन्होंने कहा था कि भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड बनाने की आवश्यकता है क्योकि भारत में अधिक धर्मों के लोग रहते हैं और अगर भारत में ऐसे कानून का निर्माण ना किया गया तो न्यायपालिका के ऊपर काफी दबाव बढ़ेगा और सबसे बड़ी बात है कि देश की अखंडता और एकता के लिए देश में एक कानून का होना आवश्यक है।
उस समय उनकी इस बात का जवाब लाल नेहरू और कांग्रेस के कई नेताओं ने विरोध किया था जिसके कारण देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लाया नहीं जा सका लेकिन हाल के दिनों में देश के प्रधानमंत्री के द्वारा इस बात के साफ संकेत दिए गए हैं कि देश में बहुत जल्दी यूनिफॉर्म सिविल कोड कानून लाया जाएगा।
Uniform civil code पर अभी तक का सबसे बड़ा तकरार । Desh Nahi Jhukne Denge with Aman Chopra: बेटियों के अधिकार पर ‘धार्मिक तकरार’ | Uniform Civil Code
FAQ
समान नागरिक संहिता किस राज्य में लागू है?
गोवा में। बता दे कि गोवा में यूनिफार्म सिविल कोड देश के आजादी के पहले से ही लगा हुआ हैं। बता दे कि हमारे संविधान में गोवा को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया हैं, वही गोवा को पुर्तगाली सिविल कोड लागु करने का अधिकार भी दिया गया हैं।
समान नागरिक संहिता बिल क्या है?
Uniform civil code जिसे हिंदी में समान नागरिक संहिता काहा जाता है इसका सीधा सा मतलब है कि एक ऐसा कानून जो सभी धर्मों के लिए समान होगा और उसका पालन सभी लोगों को करना होगा। ताकि कानून की नजर में सभी धर्म के लोग एक समान है और इस कानून के आने से न्यायपालिका के ऊपर जो बोझ है उसे कम किया जा सकता है।
आप हमे Pinterest पर भी फॉलो कर सकते हैं ।