वैलेंटाइन क्यों मनाया जाता हैं और इसका इतिहास (Valentine Day Kyo Manaya Jata Hai)

आज हम इस आर्टिक्ल में जानने वाले हैं वैलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता हैं और इसका क्या इतिहास हैं? जैसे ही फ़रवरी का महीना आता हैं लोग कहने लगते हैं लो जी प्यार का मौसम आ गया । ये फ़रवरी का महीना प्यार का महीना कैसे बना ?
एक बात हैं ऐसी खुरपाथी सवाला हम जैसे सिंगल लड़को के दिमाग में ही आता हैं कि वैलेंटाइन क्यों मनाया जाता हैं और इसका क्या इतिहास हैं? अरे उस लड़के/लड़की को क्या मतलब जिसके पास गर्लफ्रेंड/बॉयफ्रेंड हैं । जो पहले से रिलेशनशिप में हैं उसे क्या लेना देना कि वैलेंटाइन क्यों मनाया जाता हैं और इसका क्या इतिहास हैं? ऐसे लोगों को केवल वैलेंटाइन डे मनाने से मतलब होता हैं क्यों और कैसे से नहीं । अगर सिंगल हो तो इस आर्टिक्ल को पूरा जरूर पढ़ना अगर आपकी कोई गर्लफ्रेंड/बॉयफ्रेंड हैं तो इस आर्टिक्ल को 200% पढ़ना ।
वैलेंटाइन क्यों मनाया जाता हैं? (Valentine kyu Manate Hai)
शायद आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि वैलेंटाइन किसी दिन का नहीं बल्कि एक व्यक्ति का नाम था । चलिए इसका पूरा इतिहास जानते हैं कि वैलेंटाइन क्यों मनाया जाता हैं और इसका क्या इतिहास हैं?
वैलेंटाइन किसी दिन का नहीं बल्कि एक पादरी(संत) का नाम था जो कि रोम में रहा करता था । उस समय रोम पर एक बहुत ही क्रूर और दुष्ट राजा क्लोडिअस का शासन था । क्लोडिअस एक बहुत ही शक्तिशाली राजा बनना चाहता था, जिसके के लिए वह एक बहुत बड़ी सेना बनाने की तैयारी कर रहा था । उस समय जो रोम का राजा था क्लोडिअस, उसके दिमाग एक खतरनाक विचार आया ।
क्लोडिअस के दिमाग में यह विचार आया कि जो सैनिक अकेला हैं, वह विवाहित सैनिक के मुक़ाबले में ज्यादा शक्तिशाली और प्रभावशाली सैनिक हैं । क्लोडिअस यह सोच रहा था कि जिस सैनिक के पास उसकी प्रेमिका या पत्नी हैं वह युद्ध ठीक से नही कर सकता क्योकि उसे हमेशा उसकी प्रेमिका या पत्नी की याद सताती रहेगी । इस सोच के कारण उस सैनिक का दिन पर दिन शक्ति घटती जाएगी । और एक समय ऐसा आएगा कि वह अपने प्रेमिका या पत्नी के विरह में शक्तिविहीन हो जाएगा, और एक शक्तिविहीन सैनिक का दल कभी कोई युद्ध नहीं जीत सकता । ऐसे में मेरा (क्लोडिअस) शक्तिशाली राजा बनने का सपना अधूरा रह जाएगा।
फिर क्या क्लोडिअस पूरे रोम में यह घोषणा करावा दिया कि कोई भी सैनिक शादी नहीं करेगा । जो सैनिक शादी करेगा उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी यहाँ तक कि फांसी भी । राजा के इस घोषणा से सारे सैनिक में हरकंप मच गई । सबको पता था कि यह फैसला गलत हैं लेकिन राजा क्लोडिअस का सैनिको के बीच इतना खौफ था कि किसी भी सैनिक कि हिम्मत नहीं हुई उसकी विरोध करने की।
तभी इसी बीच एक पादरी आता हैं जिसे हम हिन्दी में संत कहते हैं । उस पादरी का नाम था वैलेंटाइन (Valentine)। वैलेंटाइन को राजा का यह आदेश बिलकुल भी स्वीकार नहीं था । इसीलिए वैलेंटाइन ने राजा से चोरी – छुपे युवा सैनिकों की शादी करवाने लगा । जो सैनिक अपने प्रेमिका से शादी करना चाहता था तो वह वैलेंटाइन के पास जाता और उस से मदद मांगता । वैलेंटाइन को इन लोगो की शादी करवाने में बहुत ही खुशी मिलता था । इसी तरह वैलेंटाइन ने चोरी छुपे बहुत सारे सैनिकों की विवाह करावा चुका था ।
लेकिन कहते हैं न सच्चाई को अधिक समय तक छुपाकर कर नहीं रखा जा सकता । एक न एक दिन सच सबके सामने आ ही जाता हैं । क्लोडिअस को पता चल गया कि वैलेंटाइन नामक व्यक्ति सैनिकों की शादी करवा रहा हैं । यह जानते ही क्लोडिअस ने वैलेंटाइन को गिरफ़दार करवाके जेल में डाल दिया । वैलेंटाइन जेल में बंद था तब लोग उससे मिलने आते रहते थे इसके साथ – साथ लोग वैलेंटाइन के लिए गुलाब और गिफ्ट लेकर आते थे ।
जिस दिन वैलेंटाइन को सजा- ए- मौत दी गई वह दिन था 14 फ़रवरी 269 AD । वैलेंटाइन मौत को गलने लगाने से पहले प्यार करने वालों के नाम एक ख़त भी लिखा था । प्यार करने वालों के लिए वैलेंटाइन खुशी से मौत को गले लगा लिया । तब से आज तक वैलेंटाइन के याद में वैलेंटाइन डे मनाया जा रहा हैं । इसे रोम, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों त्योहार की तरह मनाया जाता हैं । कुछ सालों से यह त्योहार भारत में भी खूब मनाया जा रहा हैं ।
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वैलेंटाइन डे कब से मनाया जा रहा हैं?
14 फ़रवरी 269 AD
क्लोडिअस कौन था?
रोम का एक दुष्ट शासक