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चाणक्य नीति : जहर के सामना हैं इन हालातों को सहना।
आचार्य चाणक्य के अनुसार जीवन में कुछ ऐसे हालत सामने आ जाते हैं जो हमारे आत्मसमाना को ठेस पहुंचाने का काम करते हैं। चाणक्य जी के अनुसार इन हालातों का सामना करना जहर पिने के बराबर होता हैं। आज हम उन्हीं हालातों के बारे में जानेंगे।
1.) कुछ लोगों की आदत होती हैं कि वें दूसरों का अक्सर अपमान करते रहते हैं। अपमान को सहना विष के समान ही होता हैं। एक बार आप सह सकते हैं लेकिन हर बार सहन करना आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने के बराबर होता हैं। इसीलिए ऐसे हालात को बिलकुल भी सहन नहीं करना चाहिए।
2.) आचार्य चाणक्य के अनुसार कई बार जीवन में ऐसे मोड़ आते हैं कि बिना गलती किए उसे भरी सभा में बेइज्जत कर दिया जाता हैं। ऐसे हालात को सहना करना जहर पिने के समान होता हैं। इसीलिए ऐसे हालात को बिलकुल भी सहन नहीं करना चाहिए। सही समय का प्रतीक्षा करना चाहिए
3.) आचार्य चाणक्य के अनुसार आपको यदि कोई नीचा दिखाने का कोशिश करे तो इसे बिलकुल भी सहन न करे। ये स्थिति आपको मन से दुःखी कर सकती हैं और ऐसे में आप अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे।
4.) कई बार लोगों के जिंदगी में कुछ ऐसी घटनाएं घटती हैं कि ओ एक गहरा ज़ख्म बनकर मन हमेशा के लिए बस जाती हैं। लेकिन जो प्रभावित और अनुभवी लोगों उसे भूल जाते हैं। लेकिन कुछ लोगों इसे अपने जीवन से नहीं निकाल पाते हैं। ये स्थिति भी जहर के समान होती हैं।
जिस तरह आचार्य चाणक्य ने चन्द्रगुप्त मौर्या को प्रशिक्षित करके एक ताकतवर और महान राजा बनाया। ठीक उसी प्रकार आचार्य चाणक्य के नीतियों को अपनाकर अपने हर लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हो। आप भी महान और ताक़तवर बन सकते हो। नीचे दिए गए Buy Now के बटन पर क्लिक करके अभी ख़रीदे सम्पूर्ण चाणक्य नीति की किताब एवं उसे अपने जीवन में उतारे।