
चाणक्य नीति: ऐसे लोगो का न कोई वर्तमान हैं और ना ही कोई भविष्य।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हमें प्रातःकाल में उठकर ही दिनभर के कार्यो के बारे में विचार कर लेना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो न आपक कोई वर्तमान हैं और ना ही कोई भविष्य।
प्राप्त वस्तु या सुख को छोड़कर उस चीज के पीछे मत भागों जिसके मिलने की कोई संभावना ही न हो। अन्यथा मिली हुई चीज को भी खो दोगे।
शिक्षा ही मात्र एक ऐसा धन हैं जिसे कोई भी नहीं चुरा सकता और नाही कोई इसे छीन सकता हैं।
अगर कोई कीमती वस्तु हो और किसी गन्दी जगह पर पड़ी हो तो उसे उठा लेना चाहिए।
जो व्यक्ति हमेशा अपने प्रियजनों के यादो में खोया रहता हैं तो उसे कुछ भी प्राप्त नहीं होता हैं।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पागल पशु, कुवारी लड़की और ढोंगी साधुओं से हमेशा बचकर रहना चाहिए।
जो व्यक्ति धर्यवान नहीं उसका न तो कोई वर्तमान हैं और ना ही कोई भविष्य।
शिक्षा अच्छे या बुरे किसी भी व्यक्ति से मिले तो उसे प्राप्त करना चाहिए।
अपने मन का भेद कभी किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं देना चाहिए क्योंकि ऐसा करने वाले लोग हमेशा धोखा खाते हैं।
जीवन सिर्फ पेट भरने का नाम नहीं हैं यह काम तो पशु भी कर लेते हैं।