क्या आप जानते हैं कि आधार कार्ड पर इतना ख़राब फोटो क्यों होता हैं ? या गवर्नमेंट द्वारा दिया गया किसी भी कार्ड पर इतना ख़राब फ़ोटो क्यों होता हैं ? अगर जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढियेगा .आप सोचते होंगे जो सेलिब्रिटी लोग होते हैं जैसे अक्षय कुमार के आधार कार्ड पर एकदम मॉडल जैसे फ़ोटो होगा , तो इसका जवाब हैं नहीं आखरी गवर्नमेंट ऐसा क्यों करती सबका फोटो ख़राब क्यों कर देती हैं . आज हमलोग इस आर्टिकल में यही जानने वाले हैं .
वैसे तो इसके बहुत सारे टेक्निकल रीज़न हैं आज हम इसके पीछे के कुछ कारण को जानने वाले हैं।
Aadhar Card Par Kharab Photo Kyo Aata hai
1. आप सभी स्मार्टफोन यूज़ करते हो और आपके स्मार्टफोन में तो 12 मेगापिक्सेल, 18 मेगापिक्सेल, 30 मेगापिक्सेल,100 मेगापिक्सेल या फिर 128 मेगापिक्सेल तक के कैमरा होता है , इसकी के चलते जब आप अपने फ़ोन से कोई भी फोटो या सेल्फ़ी क्लिक करते हो तो काफ़ी अच्छा और सुन्दर दिखाई पड़ता है लेकिन गवर्नमेंट जो कैमरा उपयोग करती हैं ओ 0.4 मेगापिक्सेल, 0.6 मेगापिक्सेल या फिर ज्यादा से ज्यादा 1 मेगापिक्सेल तक के कैमरा होता हैं और दूसरी बात ये कि लाइटिंग ठीक से यूज़ नहीं होती हैं। यदि गलती से भी किसी के फ़ोटो अच्छी आ भी गई तो उसे कंप्रेस कर दिया जाता हैं जिसके चलते फ़ोटो की क्वालिटी कम हो जाता हैं।
गवर्नमेंट जब आपको कोई भी कार्ड देती हैं जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस इत्यादि पर फोटो इस लिए खबर हो जाते हैं पहला तो ये कि आपका फोटो एक मेगापिक्सेल के कैमरे से भी कम मेगापिक्सेल के कैमरा से आपका फोटो क्लिक किया जाता है।
दूसरा ये कि लाइटिंग का सही से उपयोग नहीं किया जाता हैं और तीसरा ये कि आपके फ़ोटो को कंप्रेस करके उसके उसके बचे साइज को भी घटा दिया जाता हैं जिसके चलते फ़ोटो का क्वालिटी बहुत ज्यादा ख़राब हो जाता हैं।
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Image Ko compress kyo kiya jata hai?
किसी भी इमेज को कंप्रेस करने का मतलब है , मैं आपको एक उदहारण से समझाता हूँ। मान लीजिये किसी फ़ोटो साइज 10MB हैं , और इस फोटो के साइज को कम करके 10KB का कर दिया जाये यानि कि इमेज के साइज को घटा दिया जाये इसकी को इमेज कंप्रेस कहते हैं।
Aadhar card par photo kharab Kyo Hota hai?
2.आधार में 100 करोड़ से भी अधिक लोगों का डेटा हैं, फोटो हैं। तो यदि सब का हाई क्वालिटी फ़ोटो रखा जाये तो सर्वर का कोस्ट काफ़ी महंगा पर जागेगा। सभी हाई क्वालिटी के फ़ोटो जमा रखने के लिए कम्प्यूटर के स्टोरेज का कोस्ट काफी महंगा पड़ जायेगा। इसी कोस्ट को कम करने के लिए फ़ोटो को बहुत ज्यादा मात्रा में कंप्रेस कर दिया जाता है।
इसीलिए कितना भी अच्छा फ़ोटो हो उसे कंप्रेस करके इमेज के साइज को घटा दिया जाता हैं। यदि किसी हाई क्वालिटी फ़ोटो का साइज 10MB हैं तो उसे घटा कर 10KB कर दिया जाता हैं जिसके चलते सर्वर का कोस्ट और कंप्यूटर स्टोरेज का कोस्ट कम हो जाता हैं और आपक का काम भी हो जाता हैं।
यही कारण हैं जिसके चलते आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस इत्यादि पर फोटो काफी ख़राब दिखाई पड़ता हैं। और ऐसा सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में होता हैं क्योंकि अच्छा फ़ोटो लाना इंस्टाग्राम और फेसबुक पर सोभा देता हैं लेकिन गवर्नमेंट के नज़र में सिर्फ और सिर्फ रिकॉर्ड मैटर करता हैं गवर्नमेंट को तनिक भी फर्क नहीं पड़ता कि आप गोरे हो, काले हो, स्मार्ट हो, गवर्नमेंट को तो सिर्फ डेटा से मतलब हैं।
क्योंकि अच्छा फ़ोटो लाना सिर्फ इंस्टाग्राम पर अच्छा लगता हैं सरकारी कारोबार में नहीं। यही कारण हैं जिसके चलते आधार कार्ड पर फोटो काफ़ी ख़राब दिखता हैं।
एक तो भारत की आबादी ही इतना हैं कि यदि सभी का फ़ोटो हाई क्वालिटी में रखा गया तो सर्वर में लाखों TB का स्टोरेज रिक्वायर्ड होगा जिसके चलते गवर्नमेंट का खर्चा काफी अधिक बढ़ जायेगा। इसीलिए सभी फ़ोटो को कंप्रेस करके लो क्वालिटी का बना दिया जाता हैं।
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