
क्या आप जानते हैं कि बिहार का राजकीय महापर्व छठ क्यों मनाया जाता हैं । आखिर इस महापर्व का कितना पुराना इतिहास हैं । आज आप इस एक ही आर्टिक्ल में छठ पूजा के बारे में सबकुछ जानने वाले हैं । जैसे छठ पूजा क्यों मनाया जाता हैं? छठ महापर्व का इतिहास । और भी बहुत कुछ आपको आज छठ पूजा के बारे में जानने को मिलेगा । तो आप इस आर्टिक्ल को एक बार पूरा जरूर पढ़िएगा । तो चलिए जान लेते हैं कि छठ पूजा क्या होता हैं ?
छठ पूजा क्यों मनाया जाता हैं ?
कई जगह ऐसे उल्लेख मिलते हैं कि छठ पूजा महाभारत काल से ही मनाया जा रहा हैं । ऐसा भी उल्लेख मिलता हैं कि द्रौपदी छठ माता कि पूजा किया करती थी । बिहार का एक जिला हैं भागलपुर जिसे महाभारत काल में अंग प्रदेश के नाम से जाना जाता था । अंग प्रदेश के राजा था अंगराज कर्ण । अंगराज कर्ण भी छठ माता की पूजा किया करते थे, ऐसा कई जगहों पर उल्लेखित हैं । जैसा कि आप सभी को पता हैं कि कर्ण के पिता सूर्यदेव थे । इसीलिए उन्हे सूर्यपुत्र कर्ण भी कहाँ जाता था।
कर्ण तो थे ही सूर्यपुत्र इसीलिए वें अपने पिता को शाम और सुबह पूजन किया करते थे । और छठ पुजा भी पहले शाम को फिर सुबह में किया जाता हैं । छठ पुजा के दिन छठ माता के साथ सूर्यदेव का भी भव्य पूजन होता हैं । दुनिया उगते सूरज कि पूजा करती हैं लेकिन छठ करने वाले लोग ढलते सूरज का भी पूजन करते हैं । छठ पूजा एक उत्सव मात्र नहीं यह प्रमाण हैं एक पुत्र का अपने पिता के प्रति आदर-सम्मान और पूजन का । छठ पूजा से हमे यह सीख मिलता हैं कि हमे भी अपने माता-पिता कि अंगराज कर्ण कि तरह आदर-सम्मान और पूजन करना चाहिए और इसी का प्रतीक हैं छठ पूजा ।
छठ पूजा कहाँ – कहाँ मनाया जाता हैं?
छठ पूजा हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा मनाए जानने वाला एक बहुत ही बड़ा पर्व हैं । यह बिहार का राजकीय महापर्व हैं। इस पर्व को मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तरप्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता हैं । लेकिन वर्तमान समय में जहाँ – जहाँ बिहारी रहते हैं और छठ पूजा में अपने प्रदेश बिहार नहीं लौट पाते हैं तो वे लोग वही पर छठ पूजा मनाना आरंभ कर देते हैं चाहे वह अपना या विदेश इस से उनलोगों पर कोई फर्क नहीं पड़ता हैं ।
छठ माता कौन हैं?
पुरानों के अनुसार नवरात्रि में पूजे जाने वाली माँ कत्यानि को ही छठ माता कहाँ जाता हैं । छठ माता को ब्रह्मा की मानस पुत्री माना गया हैं । मानस पुत्री का मतलब हैं जिसके जन्म में शरीर का कोई भूमिका न हो जो मन से उत्पन्न हुई हो उसे मानस पुत्री/पुत्र कहाँ जाता हैं ।

विदेश में कहाँ कहाँ छठ पूजा मनाया जाता हैं?
लोक आस्था का महापर्व छठ अपने देश के बाद अब विदेशों में भी खूब धूम-धाम से मनाया जाने लगा हैं । छठ पर्व बिहार के साथ – साथ उत्तरप्रदेश, झारखंड और नेपाल के तराई क्षेत्रों मनाया जाता हैं । भारत आने वाले विदेशी भी इस पर्व को पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मानते हैं ।
छठ पूजा की गीत
शारदा सिन्हा, कल्पना और पवन सिंह जैसे कलाकारों के आवाज में जब छठ पूजा की बजती हैं मानो ऐसा लगने लगता हैं नदी के तट पर बैठे सूर्यदेव और छठी मईया की पूजन में लीन हो । इस पर्व के गाने ही काफी यह दिलाने के लिए कि पर्व निकट हैं । यह एक बहाना भी अपने गाँव – घर लौटने का, कि अब छठ पर्व आ गया हैं फिर से एक बार गाँव जाने का मौका मिलेगा । इस पर्व से बिहारियों का इमोशन जुड़ा हुआ हैं जिसे शब्दों में लिख पाना मेरे लिए कठिन हो रहा हैं । तो चलिए आप भी सुनिए लोक आस्था के महापर्व छठ के कुछ मधुर गीत ओ भी लिरिक्स के साथ।
उगs हे सूरज देव Uga Hai Suraj Dev
आ.. आ.. आ.. उगह हे सूरज देव भेल भिनसरवा अरघ के रे बेरवा पूजन के रे बेरवा हो बड़की पुकारे देव दुनु कर जोरवा अरघ के रे बेरवा पूजन के रे बेरवा हो ...........music........... बाझिन पुकारे देव दुनु कर जोरवा अरघ के रे बेरवा पूजन के रे बेरवा हो अन्हरा पुकारे देव दुनु कर जोरवा अरघ के रे बेरवा पूजन के रे बेरवा हो ...........music........... आ.. आ.. आ.. निर्धन पुकारे देव दुनु कर जोरवा अरघ के रे बेरवा पूजन के रे बेरवा हो कोढ़िया पुकारे देव दुनु कर जोरवा अरघ के रे बेरवा पूजन के रे बेरवा हो लंगड़ा पुकारे देव दुनु कर जोरवा अरघ के रे बेरवा पूजन के रे बेरवा हो उगह हे सूरज देव भेल भिनसरवा अरघ के रे बेरवा पूजन के रे बेरवा हो
Chhathi Maiya Bulaye – Vishal Mishra | Kaushal Kishore | Desh Unplugged | Chhath Song 2023
इन गीतों में मानों छठ महापर्व की खूशबू छिपी हुई हैं जब गाने बजते हैं ऐसा मानों कि इस महापर्व की खूशबू बिखर गई हो सम्पूर्ण वातावरण में ।