उन्होंने बताया हैं कि किस तरह स्त्री - पुरुष अपने आप को लंबे समय तक जवान रख सकते हैं।
तो चलिए आचार्य चाणक्य द्वारा बताय गए उन श्लोक के बारे जानते हैं।
अध्वा जरा मनुष्याणां वाजिनां बंधनं जरा । अमैथुनं जरा स्त्रीणां वस्त्राणामातपं जरा ।।
इस श्लोक का मतलब हैं : अधिक चलने वाला इंसान, बंधा हुआ घोड़ा, पति के साथ प्रणय न करने वाली स्त्री जल्दी बूढ़ी हो जाती हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार ज्यादा चलने वाले इंसान चाहे स्त्री हो या पुरुष जल्दी बूढ़े / बूढ़ी दिखने लगती/लगते हैं।
वही आचार्य चाणक्य घोड़े का ज़िक्र करते हुए आगे कहते हैं जो की इंसानो के ठीक विपरीत हैं।
चाणक्य कहते हैं कि घोड़े को अगर बांधकर रखा जाये तो बहुत जल्दी बूढ़ा हो जाता हैं।
उसकी शक्ति कम होने लगती हैं। इसीलिए घोड़े को हमेशा खोल कर रखना चाहिए।