1. क्रोध से दुरी
गुस्सैल स्वभाव के वजह से घर में कभी भी खुशहाली नहीं आती हैं। ऐसे लोग अपने क्रोध को त्याग कर अपने रिश्ते को बचा सकते हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार पति और पत्नी के रिश्ते में गोपनीयता का होना अतिआवश्यक हैं।
2. रिश्ते की गोपनीयता
यह एक मात्र ऐसा रिश्ता हैं जिसके बीच होने वाली बातों की जानकरी तीसरे व्यक्ति तक नहीं पहुंचना चाहिए।
जो पति - पत्नी अपने बीच होने वाली बातों को अपने तक सीमित रखते हैं, वें हमेशा सुखी रहते हैं।
आचार्य चाणक्य कहते हैं वैवाहिक जीवन में पति - पत्नी को एक दूसरे के सम्मान का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।
3. एक दूसरे का सम्मान
उन्हें हमेशा एक दूसरे को "आप" कहकर बुलाना चाहिए।
जो दम्पति एक दूसरे के मान मर्यादा का सम्मान करते हैं, वें हमेशा खुश रहते हैं।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक वैवाहिक जीवन में पति - पत्नी को कई तरह के विपरीत परिस्थितियों का एक साथ सामना करना पड़ता हैं।
4. रिश्ते में धैर्य का होना
ऐसे परिस्थिति से बहार निकलने के लिए दोनों में धैर्य का होना बहुत ही जरुरी हैं।
4. रिश्ते में धैर्य का होना