मनोज देव जन्म 9 जुलाई 1998 को धनबाद झारखण्ड में हुआ था।
कहते हैं न कि संघर्ष के बिना कोई भी व्यक्ति सफल नहीं बनता हैं। उसे अपना मुकाम हासिल करने के लिए संघर्ष करना ही पड़ता हैं।
ये बात हैं 2016-17 कि हैं जब मनोज देव यूट्यूब पर अपने पसंदीदा यूटूबर को देखा करते थे।
तब से उनके दिमाग में बहुत सारे सवाल आने लग गए। जैसे यूट्यूब पर वीडियो अपलोड कैसे करते हैं?यूट्यूब के लिए वीडियो बनाते कैसे हैं?
आखिर यूट्यूब से पैसा कमा कैसे सकते हैं? ऐसे न जाने कितने सवाल मनोज देव के दिमाग में चल रहे थे
लेकिन उस समय इन में से किसी भी सवाल का जवाब नहीं था उनके पास। क्योकिं उस समय इनके पास संसाधन बहुत कम था और सपने पड़े थे।
सबसे बड़ी समस्या तो ये थी कि इनके परिवार में इनको कोई सपोर्ट नहीं करता था कि यूट्यूब के लिए वीडियो बनाओ।
क्योंकि नॉलेज के अभाव के कारण लोग इस तरह के चीज़ो को गलत समझते थे।
इनके पास दो समस्या थी एक तो परिवार का सपोर्ट नहीं था और दूसरा इंटरनेट की बहुत दिक्क्त थी।
किसी भी तरह से इंटरनेट का जुगाड़ करके अपने परिवार से बचकर वीडियो बनाते रहे। एक दिन इनके पापा को पता चल गया।
और साफ़ बोल दिए बेटा वीडियो बनाने से कुछ नहीं होने वाला हैं। मन से पढाई करो और सरकारी जॉब की तयारी करो।
बिहार, झारखण्ड और उत्तर प्रदेश के लोगो का यही समस्या हैं कि चाहे आप उसको गूगल का सीईओ ही क्यों न बना दीजिये ओ व्यक्ति गूगल के सीईओ का पद छोड़कर सरकारी जॉब कर लेगा।
आज अगर मनोज देव अपने पिता के कहने से सरकारी जॉब कर लेता तो आज इतना बाड़ा नाम, पैसा शोहरत नहीं होता और सबसे बड़ी बात कि आज मैं उनके बारे में ये आर्टिकल नहीं लिख रहा होता।
मेरा तातपर्य यह नहीं हैं कि उनके पिता जो कह रहे थे ओ गलत था। उस समय उन्हें इंटरनेट के बारे में पता नहीं था। उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी।
इसीलिए ओ अपने बच्चे को सरकरी जॉब करने की सलाह दे रहे थे। क्योंकि कोई भी माता पिता अपने बच्चों को गलत सलाह नहीं देता हैं।
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