आचार्य चाणक्य कहते हैं कि आपको कभी चरित्रहीन, दुष्ट स्वभाव, दूसरों को हमेशा अपमानित करने वाली महिला से सामना हुआ हैं
तो आपको उस से तुरंत दुरी बना लेना चाहिए। इस तरह के महिलाओं का कभी भी, किसी भी कीमत पर मदद नहीं करनी चाहिए।
ऐसी महिलाएं समाज के लिए किसी जहरीले सांप से कम नहीं होती हैं।
आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र में कहा गया हैं कि मुर्ख व्यक्ति को ज्ञान या उपदेश देने से हमेशा बचाना चाहिए।
यदि आप किसी मुर्ख व्यक्ति को उपदेश दे रहे हैं तो यकीन मानिए आप अपनी समय की बर्बादी कर रहे हैं।
मुर्ख व्यक्ति को कितना भी ज्ञान दे दीजिए वह हमेशा अपने कुतर्कों से आपको गलत साबित करने की कोशिश करेगा।
मुर्ख व्यक्ति के भलाई के लिए दो शब्द बोल दो वह उसे अपने ईगो पर ले लेगा और आपका दुशमन बन बैठेगा।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हमेशा रोते रहने वाला व्यक्ति, हमेशा दुःखी रहने वाला व्यक्ति, भगवान और किस्मत के भरोसे से बैठे रहने वाला व्यक्ति,
हर छोटी - बड़ी बात पर भगवान को भला - बुरा कहने वला व्यक्ति जो चाहकर भी अपने जीवन में सुख नहीं भोग पाता हैं।
ऐसे व्यक्ति से किसी भी प्रकार का सम्बन्ध नहीं रखना चाहिए।
ऐसे लोग अपने पास पहले से मौजूत सुख का उपभोग तो करते नहीं और रो रो कर दूसरो सुख शांति भांग कर देते हैं।
ऐसे लोग दूसरों की सुख शांति को देख कर जलते भी हैं। इसिलए हमेषा ऐसे लोगो से बचकर रहना चाहिए।