आलस हमारी सफलताओं के रास्ते में आने वाली बंधा हैं, रुकावट हैं।

अगर समय रहते आलस को आपने नहीं त्यागा तो आपका असफल होना तय हैं।

कहते हैं न कि जब तक बीमारी की कारण का पता न चल जाये तब तक उसका इलाज नहीं हो सकता

1. आखिर क्या हैं आलस की असली वजह

ठीक इसी प्रकार जब तक हमें हमारे आलस की असली वजह पता न चल जाए तब उसे त्याग कैसे सकते हैं।

आलस आने का कोई न कोई वजह जरूर होता हैं, सबसे पहले उस वजह का पता लगायें।

अगर हमें किसी काम में मन नहीं लगता या फिर उस काम में मेरी रूचि नहीं तो आलस आना स्वाभविक हैं।

 अगर हमारा वर्कप्लेस या घर अव्यवस्थित रहता हैं, चीजें सही सही जगह पर नहीं रहती तो हमें आलस आने लगता हैं।

2. आलस का कारण हैं गंदगी।

जैसे आप जिस टेबल पर काम करते हो या पढ़ाई करते हो और उसी टेबल पर गंदगी फ़ैली हो,

किताबे चारों तरफ बिखरा पड़ा हो तो ऐसे में आपको आलस आना स्वभाविक हैं।

इसलिए आप जहाँ रहते हैं , जहाँ पढ़ाई करते हैं, जहाँ पर बैठ कर काम करते हैं उस स्थान एक स्वक्ष रखे।

अगर आप गंदगी वाले इलाके में 5 दिन तक रह जाते हैं तो आप एक आलसी  व्यक्ति बन जायेंगे।

इसीलिए गंदगी वाले इलाके को स्वक्ष बनाने का कार्य करें।

हम इंसानों में एक बहुत बुरी आदत होती काम को टालने की। अभी का काम अभी न करके तो तीन घंटे बाद करना।

टाइम टेबल बनाए।

 ऐसे ही समय को टालते - टालते कितना समय, कितने दिन निकल जाते हैं पता ही नहीं चलता हैं।

इसीलिए हमें अपना समय फिक्स कर लेना चाहिए। क्योंकि जो काम आज हमें करना हैं उसे कल पर नहीं टालना हैं,

ये असफल लोगो की निसानी होती हैं। आज का काम हमें आज ही कर लेना है चाहे कुछ भी क्यों न हो जाये।

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