हर कोई जनता हैं कि सफ़लता की रास्ता आसान नहीं होता हैं। 

वर्षों तक कड़ी मेहनत करने के बाद कही जाकर व्यक्ति कामयाब होता हैं। 

 आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर आप लक्ष्य प्राप्ति के ओर बढ़ रहे हैं तो कुछ चीजों पर भरोषा बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए। 

इससे हाथ आई सफ़लता फिसल जाती हैं और दूसरा व्यक्ति आप से आगे निकल जाता हैं। 

आइये देखते हैं आचार्य चाणक्य का क्या कहना हैं।

चाणक्य कहते हैं कि मेहनत से क़ामयाबी पाई जा सकती हैं जो लोग मुश्किल समय में भी सफ़लता प्राप्ति के लिए डटे रहते हैं। 

1. भाग्य के भरोसे 

और उन से पार पा लेते हैं तो सफ़लता ऐसे लोगों कदम चूमती हैं।

और जो लोग भाग्य के भरोसे बैठे रहते और कहते हैं कि नसीब में जो लिखा उसे भला कौन मिटा सकता हैं। 

 ऐसे लोग हमेशा असफल होते हैं। किस्मत पर नहीं कर्म पर भरोषा करे। कड़ी मेहनत के दम पर कोई भी व्यक्ति सफ़लता प्राप्त कर सकता हैं। 

2. दूसरों पर भरोषा

सफ़लता उसी व्यक्ति को प्राप्त होती हैं जो अपने दम पर उसे पाने की क्षमता रखता हैं।

अगर आप अपने काम को किसी और के भरोसे छोड़ेंगे तो आप अपने लक्ष्य प्राप्ति से दूर होते जायेंगे।

क्योंकि सफल होने का सपना आपने देखा हैं तो मेहनत भी आपकी होनी चाहिए क्योकि ये आपकी जिम्मेदारी बन जाती हैं। 

इसलिए कभी किसी दूसरे व्यक्ति के भरोसे अपने सफ़लता के सपने नहीं सजाना चाहिए।  

इसीलिए हमेशा संगति अच्छे और सज्जन लोगों का ही करे अन्यथा न ही करे।

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