आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र में बताया हैं कि जो मौन रहते हैं और कम बोलते हैं ओ विवादों से दूर रहते हैं।

 अगर बार-बार मेहनत करने के बाद भी यदि आपको सफ़लता नहीं मिल रही हैं

तो इस आचार्य चाणक्य कहते हैं कि परिश्रम करने वालों के ऊपर हमेशा लक्ष्मी माँ की कृपा होती हैं।

और ऐसे लोग सभी प्रकार के सुख प्राप्त करने के अधिकारी हो जाते हैं।

जो व्यक्ति समय का इज्जत करता हैं समय उसी व्यक्ति का हो जाता हैं।

और जो व्यक्ति लगातार ईमानदारी से कोशिश करते रहता हैं उसे समाज में हमेशा सम्मना मिलता हैं।

आचार्य चाणक्य कहते हैं आलोचना से कभी भी घबराना नहीं चाहिए। उपलब्धियां और आलोचना ये दोनों एक दूसरे के साथी हैं।

जब आपकी उपलब्धि बढ़ेगी तो आपकी आलोचना भी उतनी ही होगी।

आचार्य चाणक्य आगे कहते हैं कि व्यक्ति को किसी के सामने उतना ही झुकना चाहिए, जितना की जरुरी हो। नहीं तो यह व्यक्ति के अहम् को बढ़ा देता हैं। 

अपनी कमी या कमजोरी कभी भी किसी को भी न बताए। क्योकि यह आपके लिए घातक साबित हो सकता हैं।

और गलती से आपके कमजोरी के बारे में आपके दुशमन को पता चल गया तो वह सबसे पहले आपके कमज़ोरी पर वॉर करेगा। 

इसीलिए अपने कमजोरी या कमी को कभी किसी को न बताए। 

चाणक्य नीति: ऐसे स्थान पर कभी भी नहीं बिताना चाहिए रात।