बस कंडक्टर की बेटी बिना घरवालो को बताय की UPSC की तैयारी और बन गई IPS  

किसी ने क्या खूब लिखा हैं कि "मेहनत इतनी ख़ामोशी से करो कि आपकी कामयाबी शोर मचा दे" 

ठीक ऐसे ही कहानी हैं आईपीएस ऑफिसर शालिनी अग्निहोत्री की। 

शालिनी हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के ठठ्ल गावं की रहने वाली हैं।

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि शालिनी बिना अपने घरवालों को बताय यूपीएससी की तैयारी की । 

और अपने पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त की एवं आईपीएस ऑफिसर बन गई । 

शालिनी के आईपीएस बनने के पीछे भी एक खास वजह हैं। एक इंटरव्यू में शालिनी  कि " जब मैं छोटी थी तब मैं और मेरी माँ बस से यात्रा कर रही थी।

और उसी दौरान एक व्यक्ति ने माँ के सीट के पीछे अपना हाथ लगाकर रखा हुआ था। 

जिसके चलते माँ को सीट पर बैठने में असहजता महसूस हो रही थी। ऐसे में उन्होंने कई बार कहाँ कि अपना हाथ हटा ले। लेकिन उस व्यक्ति ने हाथ नहीं हटाया।

बार कहे जाने पर व्यक्ति गुस्सा होकर शालिनी के माँ से कहाँ तुम कही के कलेक्टर हो जो तुम्हारी बात सुनी जाय। 

 और ये सभी बात शालिनी सुन रही थी एवं उन्होंने उसी दिन ठान लिया कि ऑफिसर ही बनना हैं। 

शालिनी मई 2011 में UPSC का अपना पहला एटेम्पट दिया था और तैयारी इतनी अच्छी थी कि अपने पहले ही प्रयास में देश के सबसे कठिन परीक्षा पास कर गई। 

  और पुरे देश भर 2011 में 285वीं रैंक प्राप्त की।  फिर आईपीएस ऑफिसर के लिए चुन लिया गया।