चाणक्य नीति: सफलता में बाधा डालते हैं ये लोग, बुरे वक्त में भी इनसे न ले मदद

आचार्य चाणक्य कहते हैं जो व्यक्ति से सिर्फ़ अपने फायदे के बारे में सोचता हैं, जो हर सोचता हो कि दूसरों से अपना फायदा कैसे कराया जाए।

1. मतलबी व्यक्ति

 तो इस तरह के व्यक्ति से कभी भी मदद नहीं मांगनी चाहिए। 

ऐसे लोगो अपने मतलब के लिए हामी तो भर देंगे लेकिन जैसा इनका मतलब पूरा हो जाएगा फिर ये कही नज़र नहीं आएंगे। 

ऐसे लोग अपने स्वार्थ के लिए दूसरों को दुःख देने से भी पीछे नहीं हटते हैं। आचार्य कहते हैं ऐसे व्यक्ति से हमेशा दुरी बनाकर रखना चाहिए। 

2. ईर्ष्या करने वाल इंसान।

जिस मनुष्य के अंदर जलन और ईर्ष्या का भाव होता हैं वैसे व्यक्ति न खुद तरक्की कर पाता हैं और न ही दूसरों को तरक्की करने देता हैं। 

आचार्य कहते हैं जो व्यक्ति आप से जलन का भाव रखता हैं बुरे वक़्त में भी ऐसे व्यक्ति के समक्ष हाथ न फैलाए। 

 ईर्ष्या का आग व्यक्ति के अंदर से इंसानियत ख़त्म कर देता हैं। 

ईर्ष्या करने वाला व्यक्ति अपने प्रतिद्वंदी को हमेशा असफल और दुःखी देखना चाहता हैं।

ऐसे लोग आपके बुरे समय का फायदा उठाकर आपको धोखा दे सकते हैं और आपके सफलता के रास्ते का काँटा बन सकते हैं।  

3. अधर्मी व्यक्ति

आचार्य चाणक्य के अनुसार धर्म से भटकने वाला व्यक्ति पाप कर्म करने लगता हैं

और दूसरों को भी अपने जैसा बनाना चाहता हैं या अपने जैसा बनने के लिए मजबूर कर देते हैं। 

 आचार्य कहते हैं कि ऐसे लोगो के संपर्क में रहने और उनकी मदद करने से व्यक्ति को अपमानित होना पड़ता हैं। 

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