सफ़ाई कर्मचारी ऐसे बन गई डिप्टी कलेक्टर

हमेशा मेहनत करने वालों को ही सफलता मिलती हैं इस बात को झुटलाया नहीं जा सकता हैं। 

आज हम जिस लेडी ऑफिसर के बारे में जानने वाले हैं ओ एक समय पर सफाई कर्मचारी का काम करती थी। 

 और सबसे बड़ी बात यह हैं कि इनके पति ने इन्हे दो बच्चों के साथ आज से 9 साल पहले ही छोड़ दिया था।

इनका नाम हैं आशा कंदारा जो कि राजस्थान के जोधपुर की रहने वाली हैं।

इनके पति ने जब इनको छोड़ दिया तो अपने दोनों बच्चों के परवरिश के लिए जोधपुर नगर निगम में एक सफाई कर्मचारी की नौकरी कर ली। 

एक इंटरव्यू में आशा ने कहाँ कि समाज में मेरे साथ जो भेदभाव हुआ उसी को मैंने अपना मोटिवेशन बना लिया। 

और कड़ी - से - कड़ी मेहनत करके इस मुकाम तक पहुंची। 

आशा आगे कहती हैं कि " मैं आईएएस बनना चाहती थी लेकिन उम्र अधिक होने के कारण एग्जाम में न बैठ सकी।

लेकिन उनके UPSC के अलावा  दूसरा विकल्प था RAS (Rajasthan Administrative Service) का।

 RAS एग्जाम सिर्फ राजस्थान के लिए हैं। इसी एग्जाम के जरिए ओ डिप्टी कलेक्टर जैसे बड़े पद तक पहुंच सकी। 

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