आज हम जिस लेडी ऑफिसर के बारे में जानने वाले हैं ओ एक समय पर सफाई कर्मचारी का काम करती थी।
और सबसे बड़ी बात यह हैं कि इनके पति ने इन्हे दो बच्चों के साथ आज से 9 साल पहले ही छोड़ दिया था।
इनके पति ने जब इनको छोड़ दिया तो अपने दोनों बच्चों के परवरिश के लिए जोधपुर नगर निगम में एक सफाई कर्मचारी की नौकरी कर ली।
एक इंटरव्यू में आशा ने कहाँ कि समाज में मेरे साथ जो भेदभाव हुआ उसी को मैंने अपना मोटिवेशन बना लिया।
आशा आगे कहती हैं कि " मैं आईएएस बनना चाहती थी लेकिन उम्र अधिक होने के कारण एग्जाम में न बैठ सकी।
लेकिन उनके UPSC के अलावा दूसरा विकल्प था RAS (Rajasthan Administrative Service) का।
RAS एग्जाम सिर्फ राजस्थान के लिए हैं। इसी एग्जाम के जरिए ओ डिप्टी कलेक्टर जैसे बड़े पद तक पहुंच सकी।