किसी भी तरह के रिश्ते में एक दूसरें का सम्मान करना बेहद ही जरुरी होता हैं। हर व्यक्ति चाहता हैं कि उसका सम्मान हर कोई करे।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि प्रेम में किसी भी तरह का अहंकार नहीं होना चाहिए। अहंकार विनास का सूचक होता हैं।

1. अहंकार

जब किसी रिश्ते के बीच अहंकार आ जाता हैं, तो कितने भी मजबूत रिश्ते हो उसमें दरार पड़ना स्वभाविक हैं। 

जब आप अपने प्रेमी या प्रेमिका के महत्व को कम आंकते हैं। तो वें खुद को कमजोर समझने लगाती / लगता हैं। 

इससे रिश्ते के बीच में दुरी आना स्वाभाविक हैं। प्रेम में अपने अहंकार को छोड़कर एक दूसरे के महत्त्व को समझना भी बहुत जरुरी होता हैं। 

2. एक दूसरे को दे पूरी आज़ादी

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी रिश्ते में आज़ादी और विश्वास का होना अत्यंत आवश्यक हैं। 

प्रेम में पूरी आज़ादी न मिलने के कारण ऐसे रिश्ते ऊब जाते हैं,, घुटन महसूस होने लगता हैं।

ऐसे में कुछ ही समय बाद आपका रिश्ता टूट कर बिखर जाता हैं। ऐसे में आपको अपने प्रेमी या प्रेमिका को पुरे विश्वास के साथ आज़ादी देना चाहिए। 

3. शक

शक किसी भी रिश्ते को ख़राब करने के पर्याप्त होता हैं। ये शक एक ऐसी बीमारी है जो वर्षों पुरानी रिश्ते को पल भर में तोड़ देता हैं।

इसीलिए किसी भी तरह के रिश्ते हो, चाहे ओ प्रेमी और प्रेमिका के रिश्ते हो , एक दूसरे को शक के नज़र से नहीं देखना चाहिए। 

 अगर आपको आपके प्रेमी या प्रेमिका पर शक हैं तो उसी वक्त पूछ कर दूर कर लेना चाहिए।