आज हम बात कर रहे हैं आईपीएस नीरजा शाह के बारे में।

दो बार लगातार UPSC प्रिलिम्स में फेल होने के बाद तीसरी प्रयास में UPSC एग्जाम को क्रैक कर दी। 

 और 213वीं रैंक प्राप्त करके आईपीएस बन गई और इन्हे बंगाल कैडर मिला। 

नीरजा शाह ने अपने तैयारी के दौरान किये गए अनुभव से अपनी तीन गलतियां शेयर की।

नीरजा शाह ने बताते हुए कही कि मेरी पहली गलती इस परीक्षा को गंभीरता के साथ न लेना था।

 मैं कॉलेज और काम के साथ UPSC के तैयारी के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करती रही।

लेकिन मैं ऐसा कर न सकी। उन्होंने दूसरी गलती बताते हुए कहाँ कि राजनीति विज्ञानं के लिए लक्ष्मीकांत की बुक को भी ठीक से नहीं पढ़ी थी।

बहुत कम मॉक टेस्ट दिए थे। अगर मैं प्रिलिम्स में पास भी हो जाती तो मेंस की तो बिलकुल भी तैयारी नहीं थी। 

आगे उन्होंने कहाँ कि उम्मीदवारों को खुद के साथ ज्यादा कठोर नहीं होना चाहिए।

उन्हें समझाना चाहिए कि परीक्षा को लेकर उनसे क्या अपेक्षा की जाती हैं। 

उन्होंने तीसरी गलती "किसी से मदद न मांगना बताया" नीरजा शाह कहती हैं कि मेरे सर्किल में कई लोग थे जो UPSC के तैयारी कर रहे थे। 

 लेकिन उन से मदद मांगने में मैं हमेशा संकोच करती थी या फिर सोचती थी यदि मैं उनसे मदद माँगूँगी तो ओ मेरे बारे में क्या सोचेंगे। 

यह हिचकिचाहट तैयारी के दौरान अभ्यर्थी पर भरी पड़ती हैं। 

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