नीरजा शाह ने अपने तैयारी के दौरान किये गए अनुभव से अपनी तीन गलतियां शेयर की।
मैं कॉलेज और काम के साथ UPSC के तैयारी के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करती रही।
लेकिन मैं ऐसा कर न सकी। उन्होंने दूसरी गलती बताते हुए कहाँ कि राजनीति विज्ञानं के लिए लक्ष्मीकांत की बुक को भी ठीक से नहीं पढ़ी थी।
आगे उन्होंने कहाँ कि उम्मीदवारों को खुद के साथ ज्यादा कठोर नहीं होना चाहिए।
उन्होंने तीसरी गलती "किसी से मदद न मांगना बताया" नीरजा शाह कहती हैं कि मेरे सर्किल में कई लोग थे जो UPSC के तैयारी कर रहे थे।
लेकिन उन से मदद मांगने में मैं हमेशा संकोच करती थी या फिर सोचती थी यदि मैं उनसे मदद माँगूँगी तो ओ मेरे बारे में क्या सोचेंगे।
यह हिचकिचाहट तैयारी के दौरान अभ्यर्थी पर भरी पड़ती हैं।