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राज्यसभा चुनाव में शुक्रवार का दिन कांग्रेस के लिए राहत व खुशी भरा रहा लेकिन 24 घंटे के भीतर ही इस खुशी पर ग्रहण लग गया। राजस्थान के आए नतीजों के बाद जहां पार्टी में शुक्रवार खुशी का माहौल था वहीं शनिवार सुबह हरियाणा के नतीजों के बाद नजारा बिल्कुल बदल गया।
हरियाणा से भाजपा के कृष्ण लाल पंवार और निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए। हरियाणा में अजय माकन की हार से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सियासी साख को झटका लगा है क्योंकि माकन की जीत का रास्ता तैयार करने का सबसे अधिक दारोमदार हुड्डा के कंधों पर ही था।
हरियाणा में हार अजय माकन की भले हुई है लेकिन ऐसा लगता है कि आने वाले वक्त में राज्य में पार्टी के भीतर कलह और बढ़ सकता है। जिसका असर सिर्फ राज्य तक ही नहीं होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा राज्य में कांग्रेस के सबसे ताकतवर नेताओं में गिने जाते हैं और पूरी ताकत लगाने के बावजूद माकन को जीत नहीं मिल सकी। हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 31 सदस्य हैं जो एक सीट के लिए उसके उम्मीदवार को जिताने के लिए आवश्यक है लेकिन क्रॉस-वोटिंग के चलते कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
क्रॉस वोटिंग करने को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई को शनिवार को कार्य समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य समेत पार्टी के सभी पदों से हटा दिया। पार्टी की इस कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए बिश्नोई ने कहा कि 2016 और अन्य कई मौकों पर अगर पार्टी इतना त्वरित कदम उठाती, तो उसकी आज यह हालत नहीं होती।
बिश्नोई ने हरियाणा के 2016 के उस राज्यसभा चुनाव की ओर से इशारा किया, जिसमें निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा ने जीत दर्ज की थी, क्योंकि कांग्रेस के कई विधायकों ने गलत पेन से वोट किया था। हरियाणा से राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की हार के बाद बिश्नोई ने ट्वीट किया था, फन कुचलने का हुनर आता है मुझे, सांप के खौफ से जंगल नहीं छोड़ा करते।