पहली बार उन्होंने 94वें रैंक प्राप्त की, दूसरी बार उन्होंने 84वीं रैंक प्रात की और तीसरी बार उन्होंने 8वीं रैंक प्राप्त करके आईएएस अफसर बन गए।
कार्तिक का कहना हैं की आईएएस बनने के लिए मेहनत के साथ - साथ स्मार्टनेस का होना बहुत जरुरी हैं।
कार्तिक का मानना हैं कि पढ़ाई कि पढ़ाई में अनुसाशन आपका पहला लक्ष्य होना चाहिए। रोजाना 8 से 10 घंटे पढ़ने की आदत बन जाएगी।
आपको बात दे कि कम रैंक आने के कारन उन्हें आईपीएस ऑफिसर के लिए चुना गया था।
लेकिन आईपीएस के ट्रेंनिग के दौरान 15 दिन का छुट्टी लेकर UPSC का एग्जाम दिए और 8वीं रैंक प्राप्त करके आईएएस ऑफिसर बन गए।