चाणक्य नीति में ऐसे दो व्यक्तियों का जिक्र किया गया हैं जिनसे कभी भी बहस या ज़बान नहीं लड़ानी चाहिए।

 1. आचार्य चाणक्य के अनुसार वाणी एक ऐसी चीज हैं जो रिश्ते को बिगड़ भी सकती और बना भी सकती हैं।

माता - पिता

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कभी भी भूल से से भी अपने माता - पिता के लिए अपशब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए। 

क्योंकि उन्हीं ने आपको बोलना सिखाया हैं।

2. माता - पिता का स्थान हर इंसान के जीवन में सर्वपरि होता हैं।  माता - पिता को कुछ  कहने से पहले अपने वाणी पर क़ाबू जरूर रखे।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस प्रकार धनुष से निकला हुआ तीर कभी वापस नहीं लौटाता, 

ठीक उसी प्रकार मुख से निकला हुआ शब्द कभी भी वापस नहीं लौटाता हैं।

कई बार व्यक्ति क्रोधित होकर अपने माता - पिता को ही अपशब्द बोलने लगता हैं 

 लेकिन जब क्रोध शांत होता हैं तब पछतावें के अलावा और कुछ नहीं बचता हैं। 

इसीलिए माता - पिता से बात करते व्यक्त शब्दों का चयन सोच समझकर करे।

चाणक्य नीति: बुरे से बुरा वक्त में इन 4 बातों को हमेशा ध्यान में रखे ।