माता - पिता
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कभी भी भूल से से भी अपने माता - पिता के लिए अपशब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
2. माता - पिता का स्थान हर इंसान के जीवन में सर्वपरि होता हैं। माता - पिता को कुछ कहने से पहले अपने वाणी पर क़ाबू जरूर रखे।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस प्रकार धनुष से निकला हुआ तीर कभी वापस नहीं लौटाता,
लेकिन जब क्रोध शांत होता हैं तब पछतावें के अलावा और कुछ नहीं बचता हैं।
इसीलिए माता - पिता से बात करते व्यक्त शब्दों का चयन सोच समझकर करे।