लेकिन आज इस वेब स्टोरी में एक ऐसी महिला के बारे बताने जा रहा हूँ जिन्होंने मायानगरी मुंबई में रह कर झोपड़ियों में बच्चों को पढ़ाया और खुद पढ़ी।
जब सिमी करण ने झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों की हालत देखी तो उन्हें बहुत बुरा लगा और सिमी ने सोचा की इन बच्चों की मदद करनी चाहिए।