झोपड़ियों में रहकर पढ़ाने वाली सिमी करण कैसे बनी आईएएस ऑफिसर।

सिविल सेवा परीक्षा देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक हैं।

जिसे पास करने के लिए बड़े - बड़े पढ़ाकू और रट्टामार सुरमा फुस्स हो जाते हैं। 

लेकिन आज इस  वेब स्टोरी में एक ऐसी महिला के बारे बताने जा रहा हूँ जिन्होंने मायानगरी मुंबई में रह कर झोपड़ियों में बच्चों को पढ़ाया और खुद पढ़ी।

गरीब बच्चों को पढ़ाते हुए न केवल यूपीएससी परीक्षा पास की बल्कि all india 31वीं रैंक लाकर आईएएस अधिकारी भी बनी। 

हम बता रहे हैं 2020 बैच के आईएएस अधिकारी सिमी करण के बारे में।  

ओडिशा की रहने वाली सिमी कारण आईआईटी बॉम्बे की पूर्व छात्रा रह चुकी हैं। 

अपनी बी टेक पढ़ाई के दौरान उन्हें मुंबई के झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को पढ़ाने का मौका मिला।

जब सिमी करण ने झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों की हालत देखी तो उन्हें बहुत बुरा लगा और सिमी ने सोचा की इन बच्चों की मदद करनी चाहिए। 

इन बच्चों की हालात देखने के बाद सिमी करण ने सोच लिया कि अब मैं सिविल सेवा में ही जाउंगी।