लेकिन उन्हें इसी असफलता ने सफलता की राह दिखाई।
अनुराग ने दृढ संकल्प कर लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाये आईएएस ऑफिसर बनने के बाद ही चयन का साँस लूंगा।
इस संकल्प ने अनुराग की जिंदगी ही बदल दिया। आपको जानकर हैरानी होगा कि अनुराग की दृढ निश्चय और मेहनत से लगातार दो बार यूपीएससी परीक्षा पास की।
2017 में 677 रैंक हासिल की थी लेकिन इनको आईएएस बनना था इसीलिए यह पर्याप्त नहीं था,
इसीलिए अनुराग फिर से तैयारी शुरू कर दिए और साल 2018 में 48वीं रैंक हासिल कर आईएएस अफसर बन गए।
लेकिन दूसरी एक नए जोश और जूनून के साथ तैयारी शुरू कर दी और साल मैथ्स में 90 प्रतिशत मार्क्स लगाकर पास हो गए।
इसके बाद अनुराग ने श्री राम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स में दाख़िला करवाया। कॉलेज में आने के बाद अनुराग को पढ़ाई में बिलकुल भी मन नहीं लगता था,
दिल्ली में जाकर अपना पूरा समय घूमने में बिता देते थे। घूमने के कारण उनकी पढ़ाई नहीं हो पाई और ग्रेजुएशन में कई सारे सब्जेक्ट में फेल हो गए।
फेल होने के बाद अनुरगा को अपने माता पिता से बहुत डांट सुननी पड़ी थी।
इसके बाद उनकी अकल ठिकाने बार आ गई और फिर मन लगा कर पढ़ाई करने लगे।