इतना ही नहीं अपने पिता का हाथ बटाने के लिए चाय की दुकान पर भी काम की। लेकिन हिमांशु गुप्ता ने कभी हार नहीं मानी।
उत्तराखंड के हिमांशु गुप्ता कड़ी मेहनत की और आईएएस ऑफिसर बने। आईएएस हिमांशु गुप्ता पैरेंट्स स्कूल से ड्रॉपआउट हैं।
हिमांशु गुप्ता कहते हैं कि मैं स्कूल जाने से पहले और स्कूल से आने के बाद अपने पिता के साथ चाय के दुकान पर काम करता था।
स्कूल मेरे घर से 35 किलोमीटर दूर था, आना जाना 70 किलोमीटर होता था। मैं अपने सहपाठियों के साथ एक वैन से स्कूल जाया करता था।
लेकिन एक बार मुझे किसने देख लिया और मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। अब मुझे सब चाय वाला कह कर बुलाने लगे।
लेकिन इन सब बातों पर बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया और अपने पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देने लगा। जब भी समय मिलता तो अपने पिता कि मदद किया करता था।