आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कुत्ता भले ही एक जानवर हैं।

लेकिन हर इंसान को कुत्ते का ये तीन गुण सिख लेना चाहिए। तो चलिए जान लेते हैं कि कुत्ते का कौन सा गुण हमें सिख लेना चाहिए।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कुत्ता कितना भी भूखा क्यों न हो, उसे जितना मिल जाता हैं वह उसे ही खा कर संतोष कर लेता हैं।

1. संतोष

साथ सी उसे जितना खिला दो, वह सब खा जाता हैं।

वह कभी भी नहीं कहता कि उसके कुछ अलग खाना हैं उसे जो मिल जाये बड़े ही संतोष के साथ खा लेता हैं।

इसीलिए इंसान को संतोष होने का गुण कुत्ते से सीखना चाहिए।

आचार्य चाणक्य कहतें हैं कि कुत्ते को थोड़ी ही देर में गहरी नींद आ जाती हैं।

2. सतर्कता

लेकिन जरा सी आहट आते ही वह तुरंत उठ कर चारों तरफ देखने लगता हैं। ठीक इसी प्रकार इंसान को सतर्क रहने का गुण कुत्ते से सीखना चाहिए।

आचार्य चाणक्य कुत्ते के वफ़ादारी के बारे में कहते हैं कि मालिक के साथ कुत्ते का वफ़ादारी स्वभाविक होता हैं।

3. वफ़ादारी

कुत्ते को आप दो रोटी खिलाओ ओ आपके लिए जान तक दे सकता हैं। इसीलिए हर इंसान को कुत्ते की तरह वफ़ादार बनना चाहिए।

चाणक्य नीति: आप में हैं ये गुण तो लड़कियाँ हो जाएंगी आपकी दीवानी ।