असत्समृद्धिरसद्भिरेव भुज्यते। इसका अर्थ हैं दुष्ट लोग जो धन एकत्रित करते हैं वह गलत कामों के द्वारा ही एकत्रित करते हैं।
निम्बफलं काकैर्भुज्यते। इस श्लोक का मतलब हैं गलत कामों से कमाया हुआ धन निम् के लड्डू की तरह होता हैं। ऐसे फल को कौआ ही खा सकता हैं।