उनके पास पढ़ने के लिए किताब नहीं थी तो एनजीओ से किताब लेकर पढ़ाई की । हम बात कर रहे हैं आईएएस बरुण बरनवाल की ।
लेकिन उनके आस - पास के कुछ लोगो ने उन्हें आईएएस बनने के लिए प्रेरित किया।
आज के समय में बरुण बरनवाल महाराष्ट्र के पालघर जिले के आईएएस अधिकारी हैं, जो हमेशा से डॉक्टर बनने का का सपना देखा करते थे।
जो साइकिल रिपेयरिंग की एक छोटी सी दुकान चलाते थे। उनके पिता ने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए कड़ी मेहनत की।
इसके बाद उनको एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब मिल गई। फिर उन्होंने MNC की नौकरी छोड़कर UPSC की तैयारी शुरू कर दी।
इस फोटो को देखने के बाद भी अगर तुम्हारे अंदर आईएएस बनने का जुनून नहीं आया तो तुम्हें कोई संदीप माहेश्वरी, विवेक बिंद्रा Motivate नहीं कर सकता ।