चरक सहिंता - 100 साल जीना हैं तो इस समय खाना खाएं। 

भारत के प्राचीन चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद के अनुसार, 

यदि आप जीवन को सवस्थ और संतुलित रखना चाहते हैं तो भोजन करने का समय अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। 

चरक सहिंता में कहाँ गया हैं कि भोजन ही प्राण हैं और एक आदर्श आहार से ही संतोष, पोषण , शक्ति और बुद्धिमता की प्राप्ति होती हैं। 

भोजन करने का सही समय, मात्रा और प्रकार शारीरिक और मानसिक तौर पर सीधे प्रभावित करता हैं।  

तो चलिए जान लेते हैं कि आयुर्वेद में भोजन सही समय क्या हैं।  

आयुर्वेद में स्वस्थ जीवन के लिए आदर्श भोजन का समय दिन में दो बार हैं जिसे द्वि अन्नकाल कहाँ जाता हैं।   

प्राचीन समय में लोग इसी समय तालिका का पालन करते थे, लेकिन वर्तमन समय में तीन बार भोजन करना आम बात सी हो गई हैं। 

आयुर्वेद के अनुसार भोजन करने का सही समय पित काल के दौरान होता हैं। 

यानि कि दोपहर के 11 बजे से 1 बजे के बीच होता हैं। 

इस समय पर पाचन अग्नि सबसे प्रबल होती हैं। जो भोजन को अच्छी तरह से पचाने में सहायक होती हैं। 

और भोजन को अधपचा नहीं रहने देती हैं।  

Yoga for glowing skin in Hindi ।