चाणक्य नीति: ऐसे स्वभाव वाले स्त्री से रहे सावधान !

चाणक्य नीति में स्त्री के संस्कार पर विशेष महत्व दिया गया हैं। 

1. संस्कार

1. संस्कार

आचार्य चाणक्य ने अपने निति शास्त्र में लिखा हैं कि अच्छे संस्कार वाली महिला अपने घर को स्वर्ग से भी सुन्दर बना देती हैं। 

इसीलिए औरतों को घर का लक्ष्मी भी कहाँ जाता हैं। वें अपने पति के साथ - साथ पुरे परिवार का ख्याल रखती हैं।

वही अगर औरत के पास संस्कार नाम का चीज़ न हो तो ओ घर को नर्क से भी बदतर बना देती हैं।

2. सुंदरता ही सबकुछ नहीं हैं।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि स्त्री की सुंदरता ही सब कुछ नहीं हैं। 

यदि कोई पुरुष किसी स्त्री के सुंदरता देख कर उसके तरफ़ आकर्षित होता हैं और उससे विवाह कर लेता हैं तो उस से बड़ा मुर्ख इस दुनिया में दूसरा कोई नहीं।

इसीलिए विवाह से पहले स्त्री का संस्कार, उसका स्वाभाव, उसके लक्षण, गुण और अवगुणों को देखना अत्यंत आवश्यक होता हैं।

3. संस्कारी स्त्री

आचार्य चाणक्य अपने नीति शास्त्र में आगे कहते हैं कि अगर स्त्री सुन्दर नहीं भी हो किन्तु उसके संस्कार अच्छे हो तो पुरुष को उस स्त्री से विवाह कर लेना चाहिए।

क्योंकि ऐसी स्त्री ही उसके जीवन और भविष्य को सुखमय बनाती हैं। इस तरह के औरत के श्रेष्ट परिवार का निर्माण करती हैं।

4. मन की सुंदरता

आचार्य चाणक्य के अनुसार स्त्री के मन की सुंदरता देखनी चाहिए, तन की सुंदरता को बिल्कुल भी नहीं देखनी चाहिए। 

जो औरतें मन से सुन्दर नहीं होती और नहीं परिवार के अहमियत को समझती हैं। 

 उसके वजह से विवाह ही नहीं बल्कि सभी तरह के नाते रिश्ते टूट जाते हैं। ऐसी स्त्रियाँ अधार्मिक होती हैं।

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