कई बार घर के आर्थिक स्थिति ख़राब होने पर दुःखी होलार अपने पड़ोसी या किसी अन्य व्यक्ति से अपने घर की आर्थिक स्थिति के बारे में बता देते हैं जो उन्हें बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
इसीलिए अपने घर की बात को किसी को भी नहीं बताना चाहिए।
2.) आचार्य चाणक्य के अनुसार अपने घर के महिलाओं के अच्छे, बुरे व्यव्हार और लक्ष्णों के बारे में किसी को भी नहीं बता चाहिए।
समझदार पुरुष वही होता हैं जो घर के व्यक्तिगत बातों को अपने घर तक ही सिमित रखता हैं।
चाणक्य जी आगे कहते हैं कि पति - पत्नी के बीच के बातों को भूलकर भी किसी से साँझा नहीं करना चाहिए।
सबसे पहले उनकी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए और इस घटना के बारे में कभी कभी किसी को भी नहीं बताना चाहिए।
बुरे प्रवृति के इंसान हमेशा दूसरों को दुःख पहुंचाने का ही काम करते हैं। अगर ऐसी घटना के बारें में लोगों बताएँगे तो आपका मज़ाक बनाया जा सकता हैं।
जिस से आपके आत्मसम्मान को ठेस पहुँच सकती हैं।
4.) चाणक्य नीति के अनुसार आपको अपने दुःख और परेशानियों के बारे में किस दूसरे व्यक्ति को नहीं बताना चाहिए।
जाहिर सी बात अगर आप दुसरो अपना दुःख बताएँगे तो सामने वाला व्यक्ति दस दुःख और सुना देगा या फिर आपका मज़ाक बना देगा।
क्योंकि हर दौर में समाज में कुछ ऐसे लोग होते हैं जो आपको दुःख में देखकर ओ खुश होते हैं। इसीलिए अपने दुःखो को अपने अंदर ही रखने में भलाई हैं।