चाणक्य नीति: इस हालात में व्यक्ति को सांप के तरह व्यवाहर करना चाहिए।

आचार्य चाणक्य के अनुसार एक सफल इंसान को कभी भी अपनी कमज़ोरी किसी को भी नहीं बताना चाहिए चाहे ओ आपकी पत्नी ही क्यों न हो। 

अगर आप अपनी कमजोरी किसी से साँझा कर दिए तो सकता हैं कि ओ व्यक्ति आपका गलत फायदा उठा ले।  

आचार्य चाणक्य ने कहाँ हैं कि अगर सांप के अंदर का जहर निकाल भी दिया जाये तब भी वह भूभकारना नहीं छोड़ता हैं। 

उसके इस व्यवहार से दुशमन आक्रमण  करने से पहले दो - तीन बार जरूर सोचेगा। 

ठीक इसी प्रकार अगर व्यक्ति कमजोर हो तब उसे अपने कमज़ोरी का बखाना किसी से नहीं करना चाहिए। 

लोग आपके कमजोरी का फायदा उठाकर हो सकता हैं कि वे आप से कोई गलत कार्य करवा दे।

 इसीलिए दूसरों के सामने हमेशा मजूबती से पेश आना चाहिए, चाहे आपके अंदर कितनी भी कमजोरियाँ क्यों न हो। 

जब किसी व्यक्ति को परेशानियां एक साथ घेर लेती हैं तो व्यक्ति अपने दिल कि बात दूसरों से कह देता हैं क्योंकि वह व्यक्ति उस वक्त खुद से लड़ रहा होता हैं

और अपनी भावनाओं को संभाल नहीं पता हैं और अपने ह्रदय की बात किसी और को बता देता हैं।

और अपनी भावनाओं को संभाल नहीं पता हैं और अपने ह्रदय की बात किसी और को बता देता हैं।

आचार्य चाणक्य जी कहते हैं कि कई लोग आपके इन्हीं हालातों का फायदा उठाते हैं।

 ऐसे परिस्थिति में हर व्यक्ति को ध्यान रखना चाहिए कि अपने मन की बात अपने माता - पिता के अलावा अपने सच्चे मित्र को ही बताय। 

जो हर सुख - दुःख में आपका साथ देता हो।