अगर आप अपनी कमजोरी किसी से साँझा कर दिए तो सकता हैं कि ओ व्यक्ति आपका गलत फायदा उठा ले।
आचार्य चाणक्य ने कहाँ हैं कि अगर सांप के अंदर का जहर निकाल भी दिया जाये तब भी वह भूभकारना नहीं छोड़ता हैं।
ठीक इसी प्रकार अगर व्यक्ति कमजोर हो तब उसे अपने कमज़ोरी का बखाना किसी से नहीं करना चाहिए।
इसीलिए दूसरों के सामने हमेशा मजूबती से पेश आना चाहिए, चाहे आपके अंदर कितनी भी कमजोरियाँ क्यों न हो।
जब किसी व्यक्ति को परेशानियां एक साथ घेर लेती हैं तो व्यक्ति अपने दिल कि बात दूसरों से कह देता हैं क्योंकि वह व्यक्ति उस वक्त खुद से लड़ रहा होता हैं
ऐसे परिस्थिति में हर व्यक्ति को ध्यान रखना चाहिए कि अपने मन की बात अपने माता - पिता के अलावा अपने सच्चे मित्र को ही बताय।