आचार्य चाणक्य के कथन के अनुसार जब संकट आता हैं तो चुनौती काफ़ी बढ़ जाता हैं और इससे बचने के अवसर बहुत ही कम होते हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति संकट से बचने या निकलने के लिए कुछ हद तक पहले से तैयारी करके रखना चाहिए।
संकट के आने से पहले ही संकट से बचने की पूरी तयारी करके रखना एक सशक्त और समझदार इंसान की पहचान होती हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार संकट के घड़ी में आपका पहला कर्तव्य अपने परिवार के सुरक्षा का जिम्मेदारी भी हैं।
संकट के घड़ी में उनका पूरा ध्यान रखना चाहिए और उनका साथ निभाना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार अपने सेहत का पूरा ख्याल रखना चाहिए। क्योंकि एक स्वस्थ व्यक्ति ही बड़े से बड़े संकट से लड़ सकता हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति एक ठोस रणनीति के साथ आगे बढ़ता हैं वह व्यक्ति बड़े आसानी से हर संकट को पार कर लेता हैं।