सञ्जय उवाच एवमुक्तो हृषीकेशो गुडाकेशेन भारत । सेनयोरुभयोर्मध्ये स्थापयित्वा रथोत्तमम् ॥ 24 ॥ 

संजय ने कहा- हे भरतवंशी! अर्जुन द्वारा इस प्रकार सम्बोधित किये जाने पर भगवान् कृष्ण ने दोनों दलों के बीच में उस उत्तम रथ को लाकर खड़ा कर दिया। 

यहाँ पर एक शब्द का प्रयोग हुआ गुडाकेश। गुडा का मतलब हैं नींद और जो व्यक्ति नींद पर विजय प्राप्त कर ली वह गुडाकेश।  

नींद,आलस्य यह सब तमोगुण के श्रेणी में आता हैं। ऐसे देखा जाए तो अर्जुन पहले ही तमोगुण पर विजय प्राप्त कर ली हैं। 

और जिसने तमोगुण पर विजय प्राप्त कर लिया हैं वह तो चलेगा ही धर्म के मार्ग पर।  और अर्जुन ने तमोगुण पर विजय कैसे प्राप्त की हैं - भगवान से मित्रता करके।  

यहाँ तक कि ब्रह्म लोक भी परमानेंट नहीं है एक दिन वह भी नष्ट हो जायेगा। इसीलिए हमें कृष्ण से मित्रता करनी चाहिए। 

भगवान तो कब से हाथ फैलाए खड़े हैं लेकिन हम ही अपना हाथ नहीं बढ़ा रहे। 

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