भगत सिंह कहते थे , ” वो मुझे मार सकते है, पर मेरे विचारों को नही मार सकते,  

वो मेरे शरीर को कुचल सकते है , पर वो मेरी आत्मा को कभी नही कुचल पायेंगे “ 

भगत सिंह जी का जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब के लायलपुर जिले के बंगा गांव में हुआ था। 

भगत सिंह जी अविवाहित रहे। जब भी उनके घरवाले उनसे शादी की बात करते थे तो क्रान्तिकारी भगत सिंह जी कहते थे कि “ आज़ादी ही मेरी दुल्हन बनेगी“। 

भगत सिंह जी को किताबे पढ़ने का बड़ा शौक था। अपने स्कूल समय में उन्होने  50 से अधिक और कॉलेज समय में 300 से अधिक किताबे पढ़ डाली थी ।  

भगत सिंह जी गांधीजी के विचारो से सहमत नही थे और वे पंडित चंद्रशेखर आजाद से जुड़ गए ।  

पंडित आजाद ने 1924 में रामप्रसाद बिस्मिल और अन्य साथियों के साथ मिलकर हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन की स्थापना की थी । 

1925 में भगतसिंह जी  ने और क्रांतिकारियों  के साथ मिलकर काकोरी काण्ड को अंजाम दिया।  

जिसके तहत उन्होंने अंग्रेजी खज़ाने को लूट लिया।  लेकिन बाद में पकड़े जाने पर राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्लां खां और ठाकुर रोशन सिंह को फांसी की सजा सुनाई गई। 

बाद में चंद्रशेखर आज़ाद ने भगत  सिंह के साथ एक नए संघ भारत नौजवान सभा  का गठन किया।  जिसका बाद में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन में विलय किया गया  

और फिर आम सहमति से  इसका नाम बदलकर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन किया गया । 

  पढ़े भगत सिंह जीवनी