आचार्य चाणक्य इस श्लोक में कह रहे हैं कि "जहाँ कोई धनी, विद्वान, चिकित्स्क और नदी नहीं बहती हो ऐसे स्थान पर एक क्षण भी नहीं रुकना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के कहने का मतलब हैं जहाँ हर समय धन की कमी हो, वैसे स्थान पर समस्याए बहुत होती हैं।
जिस राज्य या स्थान का कोई अच्छा राजा या मुखिया न हो तो वैसे स्थान पर अनैतिकता और भ्रष्टाचार अपने चरम पर होती हैं।
तो ऐसे स्थानों से दूर रहना ही व्यक्ति के जीवन के लिए अच्छा होता हैं।