1947 से पहले 8 तरह के राष्ट्रीय ध्वज बनाकर आज़ादी की लड़ाई लड़ी गई लेकिन 1947 में राष्ट्रीय ध्वज के रूप में तिरंगे को मान्यता दे दी गई ।
आज उन सभी ध्वज का तस्वीर देखने वाले हैं ।
1857 में पहली बार भारत के आज़ादी के लिए संगठित लड़ाई लड़ी गई थी । उस समय यही ध्वज था ।
1904 से लेकर 1906 के बीच में स्वामी विवेकानंद के एक शिष्य ने यह ध्वज तैयार किया था । इस भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम का पहला राष्ट्रीय ध्वज कहाँ जाता हैं ।
7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक कोलकाता में इसे फहराया गया था।
साल 1907 में फ़्रांस के राजधानी पेरिस में भीकाजी कामा ने कुछ निर्वासित क्रांतिकारियों के साथ यह ध्वज फहराया था।
साल 1916 में लेखक और जियोफिजिसिस्ट पिंगलि वेंकैया इस ध्वज को बनाया था ।
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने होमरूल लीग के साल 1917 में बनाए इस राष्ट्रीय ध्वज को फहराया था।
विजयवाड़ा में साल 1921 में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ। इस दौरान आंध्र के एक युवा ने एक झंडा तैयार किया और गांधीजी के पास लेकर गया। इस झंडे में दो रंग थे।
विजयवाड़ा के झंडे से बहुत से लोग नाखुश थे। ऐसे में पिंगलि वेंकैया ने तीन रंगो का इस्तेमाल कर एक नया ध्वज तैयार किया,
जिसमें केसरिया, हरा और सफेद रंग थे। बीच में चरखा बना हुआ था।
1947 से अब तक यही ध्वज़ हैं ।