अपने शत्रु की शक्ति को जानें फिर जीत पक्की | Bhagavad Gita 1.7 | BG 1.7 |

अपने शत्रु की शक्ति को जानें फिर जीत पक्की | Bhagavad Gita 1.7 | BG 1.7 |

BG 1.7 अस्माकं तु विशिष्टा ये तान्निबोध द्विजोत्तम । नायका मम सैन्यस्य संज्ञार्थ तान्ब्रवीमि ते ॥ 7॥ शब्दार्थ अस्माकम् – हमारे; तु-लेकिन; विशिष्टाः विशेष शक्तिशाली; ये – जो; तान्-उनको; निबोध – जरा जान लीजिये, जानकारी प्राप्त कर लें; द्विज-उत्तम – हे ब्राहाणश्रेष्ठ; नायकाः – सेनापति, कप्तान; मम – मेरी; सैन्यस्य– सेना के सूचना; संज्ञा- अर्थम्-सूचना…