शालिनी के आईपीएस बनने के पीछे भी एक खास वजह हैं। एक इंटरव्यू में शालिनी कि " जब मैं छोटी थी तब मैं और मेरी माँ बस से यात्रा कर रही थी।
जिसके चलते माँ को सीट पर बैठने में असहजता महसूस हो रही थी। ऐसे में उन्होंने कई बार कहाँ कि अपना हाथ हटा ले। लेकिन उस व्यक्ति ने हाथ नहीं हटाया।
बार कहे जाने पर व्यक्ति गुस्सा होकर शालिनी के माँ से कहाँ तुम कही के कलेक्टर हो जो तुम्हारी बात सुनी जाय।
शालिनी मई 2011 में UPSC का अपना पहला एटेम्पट दिया था और तैयारी इतनी अच्छी थी कि अपने पहले ही प्रयास में देश के सबसे कठिन परीक्षा पास कर गई।
और पुरे देश भर 2011 में 285वीं रैंक प्राप्त की। फिर आईपीएस ऑफिसर के लिए चुन लिया गया।