आचार्य चाणक्य कहते हैं जो व्यक्ति से सिर्फ़ अपने फायदे के बारे में सोचता हैं, जो हर सोचता हो कि दूसरों से अपना फायदा कैसे कराया जाए।
जिस मनुष्य के अंदर जलन और ईर्ष्या का भाव होता हैं वैसे व्यक्ति न खुद तरक्की कर पाता हैं और न ही दूसरों को तरक्की करने देता हैं।
ऐसे लोग आपके बुरे समय का फायदा उठाकर आपको धोखा दे सकते हैं और आपके सफलता के रास्ते का काँटा बन सकते हैं।