जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आज के व्यपारिक और कॉर्पोरेट दुनिया में, पहचान और प्रतिष्ठा अत्यधिक महत्त्व रखती हैं। किसी भी प्रकार के ब्रांड, प्रोडक्ट या सेवा की पहचान को सुरक्षित करने के लिए “ट्रेडमार्क” एक महत्वपूर्ण हथियार हैं। आज के इस लेख में, हम विस्तार से जानेंगे कि ट्रेडमार्क(Trademark) क्या होता हैं, इसके क्या फयदे हैं और इस कैसे रजिस्टर करवाया जा सकता हैं।
ट्रेडमार्क(Trademark) क्या होता हैं?
ट्रेडमार्क(Trademark) एक ऐसा पहचान चिन्ह हैं, जो किसी ब्रांड, उत्पाद या सेवा को अन्य ब्रांड या सेवा से अलग बनता हैं। यह एक नाम, प्रतिक, लोगो, रंग, ध्वनि, डिज़ाइन यह अन्य विशेष चिन्ह हो सकता हैं जो उपभोक्ताओं को यह बता हैं कि यह विशेष उत्पाद या सेवा किसी विशेष व्यक्ति या कंपनी की हैं।
चलिए इसे एक उदहारण से समझते हैं, Nike का “swoosh” लोगो, Apple का कटा हुआ सेब या McDonald’s का M चिन्ह, यह सभी ट्रेडमार्क हैं। यह चिन्ह उनके ब्रांड का विशिष्ट पहचान हैं और इनका उपयोग का उपभोक्ता उनके सेवाओं या उत्पादों को पहचानते हैं।
ट्रेडमार्क(Trademark) के प्रकार
आइए अब, हम ट्रेडमार्क(Trademark) के कुछ प्रकार के उदहारण के साथ समझते हैं-
ट्रेडमार्क(Trademark) के फायदे
आपको बता दे कि ट्रेडमार्क(Trademark) केवल एक क़ानूनी हथियार ही नहीं हैं, बल्कि यह कई तरह के महत्वपूर्ण फायदे भी प्रदान करता हैं।
ट्रेडमार्क(Trademark) रजिस्टर कैसे करवाए?
ट्रेडमार्क(Trademark) रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कुछ आसान स्टेप्स फॉलो करने होते हैं। आइए, इस प्रक्रिया को विस्तार से समझते हैं।
1. ट्रेडमार्क(Trademark) सर्च करे
ट्रेडमार्क रजिस्टर करवाने से पहले , यह सुनिश्चित करना आवश्यक हैं कि जो ट्रेडमार्क रजिस्टर करवाना चाहते है, वह पहले से किसी और द्वारा उपयोग में तो नहीं हैं। इसके लिए आप ऑनलाइन ट्रेडमार्क सर्च कर सकते हैं। भारत में, ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए उपयोग की जाने वाली सरकारी वेबसाइट पर आप सर्च कर सकते हैं कि आपका ट्रेडमार्क किसी अन्य के द्वारा पहले से रजिस्टर तो नहीं किया गया।
2. क्लासिफिकेशन (वर्गीकरण) का चयन करें
आपको बता दे कि ट्रेडमार्क को 45 अलग – अलग श्रेणियों में विभाजित किया गया हैं, जिनमे से प्रत्येक श्रेणी एक विशेष प्रकर के उत्पाद या सेवा की प्रतिनिधित्व करती हैं। आपको निर्णय लेना हैं कि आपका उत्पाद या सेवा की वर्ग में आता हैं। उदहारण के लिए , खाद्य और पेय पदार्थो के लिए एक अलग वर्ग हैं, जबकि कपड़ा और फूडवियर के लिए एक वर्ग हैं।
3. आवेदन तैयार करे
ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए एक औपचारिक आवेदन दाखिल करना होता हैं। इसमें से निम्नलिखित जानकारियां सम्मिलित होनी चाहिए।
4. आवेदन जमा करे
अब आपका आवेदन तैयार हो चूका हैं, तो आप इसे ऑनलाइन या ऑफलाइन, दोनों तरीकों से जमा कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आप भारतीय ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन पोर्टल का उपयोग कर सकते हैं। आवेदन जमा करने के बाद आपको एक रिसिप्ट प्राप्त होगा जिसमें आपका आवेदन संख्या होगा।
5. जाँच प्रक्रिया
ट्रेडमार्क के लिए आवेदन करने के बाद, ट्रेडमार्क कार्यालय आपके आवेदन की जाँच करेगा। इस जाँच में यह देखा जायेगा कि क्या आपका ट्रेडमार्क पहले से किसी और द्वारा रजिस्टर किया गया हैं या क्या यह ट्रेडमार्क सभी नियमों का पालन करता हैं। इस प्रक्रिया में 6 महीने से 1 साल तक का समय लग सकता हैं।
6. पब्लिकेशन
यदि ट्रेडमार्क कार्यालय आपके आवेदन को सही पाता हैं तो, आपका ट्रेडमार्क जनरल में प्रकाशित किया जायेगा। यह एक सार्वजानिक घोषण होती हैं जिसमें यह जानकारी होती हैं कि आपका ट्रेडमार्क रजिस्टर होने के लिए तैयार हैं। ट्रेडमार्क को प्रकाशित करने के बाद, कोई भी तीसरा पक्ष (तीसरा व्यक्ति या कंपनी) 3-4 महीने के भीतर आपत्ति दर्ज कर सकता हैं यदि उन्हें लगता हैं कि आपका ट्रेडमार्क उनके ट्रेडमार्क से मेल खाता हैं या उनके व्यवसाय को प्रभावित करता हैं।
रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करें
यदि आपके ट्रेडमार्क पर किसी ने भी 3 से 4 महीने के भीतर आपके ट्रेडमार्क पर आपत्ति दर्ज नहीं की या आपत्ति का निपटारा हो गया हैं, आपका ट्रेडमार्क सफलतापूर्वक रजिस्टर हो जायेगा। इसके बाद , आपको एक रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मिलेगा जो यह प्रमणित करेगा कि आपका ट्रेडमार्क अब क़ानूनी रूप से सुरक्षित हैं।
ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज़
ट्रेडमार्क को रजिस्टर करवाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तवेजों की आवश्यकता होती हैं, तो चलिए जान लेते हैं कि कौन – कौन से महत्वपूर्ण दस्तवेजों की आवश्यकता पड़ती हैं।
ट्रेडमार्क रजिस्टर करवाने में कितना शुल्क लगता हैं?
ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन का फ़ी (शुल्क) कई तरह के कारको पर निर्भर करता हैं, जैसे कि आवेदन करने की कौन सी श्रेणी हैं (व्यक्तिगत , स्टार्टअप, लघु उद्योग या बड़ी कंपनी) तथा आवेदन करने का तरीका कौन सा हैं (ऑनलाइन या ऑफलाइन ), तो चलिए विस्तार से जान लेते हैं।
1. व्यक्तिगत , स्टार्टअप, लघु उद्योग के लिए शुल्क
यदि आवेदक व्यक्तिगत (individual), स्टार्टअप (startup), या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) हैं, तो आपको रियायती दर पर शुल्क देना होगा।
आपके जानकरी के लिए बता दे कि यह शुल्क तब लागू होता हैं जब व्यक्तिगत, स्टार्टअप या लघु उद्योग के रूप में आवेदन कर रहे हैं और इसके साथ – साथ सम्बंधित प्रमाण पात्र जमा कर रहे हो, जैसे स्टार्टअप के लिए DPIIT (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) प्रमाण पत्र या MSME पंजीकरण।
2. अन्य व्यवसायिक संस्थाओं या बड़ी कंपनी के लिए शुल्क
यदि आवेदक बड़ी कंपनी, कॉरपोरेट या संगठन हैं, जो MSME के श्रेणी में नहीं आता हैं, तो उन्हें सामान्य शुल्क का भुकतान करना पड़ता हैं। आइए, जान लेते हैं कितने शुल्क का भुकतान करना पड़ता हैं।
यह शुल्क उन कंपनियों और संगठनों पर लागू होता हैं जो बड़ी व्यावसायिक संस्थाए होती हैं, जो MSME का प्रमाण पत्र नहीं रखती हैं।
3. वर्ग (क्लास) के आधार पर शुल्क
ट्रेडमार्क आवेदन करते समय आपको, यह तय करना होता हैं कि आपका ब्रांड या सेवा किस वर्ग के अंतर्गत आता हैं। आपके जानकरी के लिए बता दे कि भारत में कुल 45 वर्ग हैं, जिनमें 34 वर्ग उत्पादों के लिए और 11 सेवाओं के लिए हैं। यदि आप एक से अधिक वर्ग में ट्रेडमार्क रजिस्टर करवाना चाहते हैं, तो प्रत्येक वर्ग के लिए आपको अलग – अलग शुल्क देना होगा।
उदहारण:
ट्रेडमार्क रिन्यूअल शुल्क कितना लगता हैं?
जैसा कि आप सभी जानते होंगे कि ट्रेडमार्क एक बार रजिस्टर होने के बाद 10 साल तक वैध रहता हैं। 10 साल बाद इसे नवीनीकृत (renew) करवाना अत्यंत आवश्यक होता हैं। आपको बात दे कि भारत सरकार के द्वारा ट्रेडमार्क को नवीनीकृत (renew) करवाने के लिए भी अलग से शुल्क निर्धारित किया गया हैं।
ट्रेडमार्क देर रिन्यूअल शुल्क कितना लगता हैं?
यदि 10 साल कि अवधि समाप्त होने के बाद यदि आप समय पर ट्रेडमार्क रिन्यूअल नहीं करवाते हैं या विलंब से आवेदन करते हैं, तो इस स्थिति में आपको अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होगा।
फॉर्म्स और अन्य शुल्क
ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के दौरान विभिन्न फॉर्म्स और प्रक्रियाओं के लिए अलग – अलग शुल्क लगते हैं।
सरकारी छूट और सब्सिडी
भारत सरकर स्टार्टअप्स और लघु उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए रियायती शुल्क प्रदान करती हैं। इसके तहत, यदि आप DPIIT से प्रमाणित स्टार्टअप्स हैं या MSME प्रमाण पत्र रखते हैं, तो आपको ट्रेडमार्क आवेदन पर छूट मिलती हैं। इस प्रकार की छूट केवल ऑनलाइन आवेदन पर ही प्राप्त होती हैं।
अधिवक्ता या ट्रेडमार्क एजेंट की फ़ी
कई मामलों में, ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए आपको किसी अधिवक्ता या ट्रेडमार्क एजेंट की सेवाए लेनी पड़ती हैं। इसके लिए अतिरिक्त शुल्क भी देना पड़ता हैं, जो शुल्क अलग-अलग अधिवक्ता या एजेंट पर निर्भर करता हैं। यह फ़ी आमतौर पर 2,000 से लेकर 10,000 या उससे अधिक भी हो सकती हैं, जो ट्रेडमार्क के जटिलता, वर्ग संख्या, और कानूनी प्रक्रियाओं पर निर्भर करता हैं।
TM या R का क्या मतलब हैं?
आपको बता दे कि TM और R ट्रेडमार्क से संबंधित दो महत्वपूर्ण प्रतीक हैं जो ब्रांड और व्यवसायों द्वारा उनके अधिकारों को सप्ष्ट करने के लिए उपयोग किया जाता हैं। दोनों का अलग-अलग मतलब हैं और अलग-अलग स्थितियों में इसे उपयोग किया जाता हैं । आइये, इनका अर्थ और उपयोग विस्तार से समझते हैं।
1. TM (Trademark) का मतलब
TM का मतलब हैं “Trademark” (ट्रेडमार्क)। यह उस नाम, स्लोगन, लोगो या किसी अन्य ब्रांडिंग तत्व का दर्शाता हैं जिसे कंपनी या व्यक्ति एक ट्रेडमार्क के रूप में इस्तेमाल कर रहा हैं। यह इगित करता हैं कि कंपनी उस विशेष नाम या प्रतीक या चिन्ह को अपने ब्रांड के पहचान के लिए उपयोग कर रही हैं और उसे ट्रेडमार्क के रूप में दावा कर रही हैं।
महतावपूर्ण बातें
TM का उपयोग कब करना चाहिए?
2. R (Registered) का मतलब
R का मतलब होता हैं “Registered” (रजिस्टर्ड या पंजीकृत)। इस ट्रेडमार्क का तब उपयोग किया जाता हैं जब आपका ट्रेडमार्क औपचारिक रूप से पंजीकृत हो जाता हैं। आपके जानकारी के लिए बता दे कि भारत में ट्रेडमार्क पंजीकरण अधिनियम, 1999 के तहत किया जाता हैं, और जब ट्रेडमार्क सफलतापूर्वक पंजीकृत हो जाता हैं, तो आप अपने चिन्ह या लोगो के साथ R का उपयोग कर सकते हैं।
महतावपूर्ण बातें
FAQ
ट्रेडमार्क के प्रकार
वर्ड मार्क
लोगो
साउंड मार्क
थ्री-डाइमेंशनल मार्क
रंग या गंध
ट्रेडमार्क की परिभाषा
ट्रेडमार्क(Trademark) एक ऐसा पहचान चिन्ह हैं, जो किसी ब्रांड, उत्पाद या सेवा को अन्य ब्रांड या सेवा से अलग बनता हैं। यह एक नाम, प्रतिक, लोगो, रंग, ध्वनि, डिज़ाइन यह अन्य विशेष चिन्ह हो सकता हैं।
ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन फीस
ऑनलाइन आवेदन शुल्क: ₹4,500 प्रति वर्ग (class)।
ऑफलाइन आवेदन शुल्क : ₹5,000 प्रति वर्ग (class)।
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