अपने जीवन की Policy चुनिए | Bhagavad Gita 1.5-6 |  श्लोक 5 और 6 | BG 1.5-6
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BG 1.5

धृष्टकेतुश्चेकितानः काशिराजश्च वीर्यवान् ।
पुरुजित्कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुङ्गवः ॥ 5 ॥
dhṛṣṭaketuś cekitānaḥ
kāśirājaś ca vīryavān
purujit kuntibhojaś ca
śaibyaś ca nara-puṅgavaḥ

शब्दार्थ

धृष्टकेतुः – धृष्टकेतुः चेकितानः चेकितान; काशिराजः काशिराज; -भी; वीर्य- वान्– अत्यन्त शक्तिशाली; पुरुजित् पुरुजित्; कुन्तिभोजः कुन्तिभोज; – तथा; शैब्यः– शैब्य; -तथा; नर-पुङ्गवः– मानव समाज में वीर।

अनुवाद

इनके साथ ही धृष्टकेतु, चेकितान, काशिराज, पुरुजित्, कुन्तिभोज तथा शैब्य जैसे महान शक्तिशाली योद्धा भी हैं।

BG 1.6

युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च वीर्यवान् ।
सौभद्रो द्रौपदेयाश्च सर्व एव महारथाः ॥ 6 ॥
yudhāmanyuś ca vikrānta
uttamaujāś ca vīryavān
saubhadro draupadeyāś ca
sarva eva mahā-rathāḥ

शब्दार्थ

युधामन्युः – युधामन्युः – तथा; विक्रान्तः – पराक्रमी; उत्तमौजाः – उत्तमौजा; – तथा; वीर्य-वान् – अत्यन्त शक्तिशाली; सौभद्रः– सुभद्रा का पुत्र; द्रौपदेयाः द्रोपदी के पुत्र; -तथा; सर्वे– सभी; एव– निश्चय ही; महा-रथाः – महारथी

अनुवाद

पराक्रमी युधामन्यु, अत्यन्त शक्तिशाली उत्तमौजा, सुभद्रा का पुत्र तथा द्रौपदी के पुत्र- ये सभी महारथी हैं।

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अभिप्राय

दुर्योधन द्रोणाचार्य से पांडवों के महान शूर वीर योद्धाओं के बारे में चर्चा कर रहा हैं । एक तरह से बोल सकते हैं कि दुर्योधन पांडवों के शूर – वीर योद्धाओं को देखकर डर गया हैं । इसीलिए एक – एक करके सभी योद्धाओं का नाम बता रहा हैं । दुर्योधन सुभद्रा के पुत्र अभिमन्यु और द्रौपदी के पांचों पुत्र के बारे में द्रोणाचार्य के बता रहा हैं कि यह सब महान शूर-वीर, महा शक्तिशाली हैं ।

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