
जैसे-जैसे आपकी इनकम में वृद्धि होती है वैसे-वैसे आपका टैक्स भी बढ़ता है। भारत का इनकम टैक्स कानून बहुत सारे ऐसे उपाय बताता है जिनके जरिए आप अपनी बढ़ती इनकम पर लगने वाले टैक्स की बचत कर सकते हैं। इनकम टैक्स अधिनियम 1962 (Income Tax Act, 1962) के अन्तर्गत ऐसे बहुत सारे प्रोविजंस हैं जिनके मदद से कोई भी टैक्स सेव कर सकता है। तो आइए जानते हैं इनकम टैक्स अधिनियम 1962 के तहत दिए गए आयकर बचाने के उपाय (Ways to save on income tax) ।
आयकर बचाने के उपाय (Ways to save on income tax)
एलआईसी प्रीमियम और पेंशन स्कीम में इन्वेस्टमेंट
आयकर बचाने के उपाय (Ways to save on income tax) में सबसे पहले हम बताएंगे सेक्शन 80C के बारे में। क्योंकि आयकर बचाने के लिए सेक्शन 80C सबसे अच्छा और आसान सेविंग विकल्प है। सेक्शन 80C के अंतर्गत आपको बहुत सारे टैक्स छूट क्लेम करने के विकल्प मिल जाएंगे। बता दें कि लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (LIC) के पॉलिसी प्रीमियम को आप क्लेम कर सकते हैं। सेक्शन 80C के तहत आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), एंप्लॉय प्रोविडेंट फंड (EPF), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), होम लोन के प्रिंसिपल, बच्चों की ट्यूशन फीस पर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।
लेकिन, इस छूट की सीमा एक लाख पचास हजार रुपए ही दी गई है। वहीं, सेक्शन 80CCC की बात करें तो यदि आपने एलआईसी का या किसी दूसरी बीमा कंपनी का एन्यूटी प्लान यानि कि पेंशन प्लान खरीदा है तो आप टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं। दूसरी तरफ, सेक्शन 80 CCD (1) कहता है कि यदि आपने सेंट्रल गवर्नमेंट का पेंशन प्लान लिया है तो उसे क्लेम कर सकते हैं। बता दें कि सबको मिलाकर आयकर छूट एक लाख पचास हजार रुपए से अधिक नहीं हो सकती।
केंद्र सरकार की पेंशन योजना
आपको सेक्शन 80CCD (1B) के अंतर्गत 50,000 रुपए की ऐडिशनल छूट दी जाती है, यदि आप सेंट्रल गवर्नमेंट की पेंशन योजना नेशनल पेमेंट सिस्टम (NPS) में इंवेस्ट करते हैं। बता दें कि ये छूट सेक्शन 80C के अन्तर्गत दी गई 1.5 लाख रुपए की आयकर छूट से भिन्न है।
वहीं, सेक्शन 80CCD2 के मुताबिक सेंट्रल गवर्नमेंट की पेंशन स्कीम में आप एम्प्लॉयर के योगदान को क्लेम कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए दो शर्तें दी गई हैं। पहली शर्त यह है कि एम्प्लॉयर राज्य सरकार या फिर कोई अन्य पब्लिक सेक्टर यूनिट (PSU) हो। इसमें डिडक्शन की सीमा सैलरी का 10 प्रतिशत है। हालांकि, यदि एम्प्लॉयर सेंट्रल गवर्नमेंट है तो डिडक्शन की सीमा 14 प्रतिशत तय की गई है।
होम लोन के जरिए करें इनकम टैक्स बचाव
आप सेक्शन 80C के तहत होम लोन के जरिए टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। आयकर बचाने के उपाय (Ways to save on income tax) में ये विकल्प भी बहुत अच्छा है। लेकिन,आयकर छूट एक लाख पचास हजार रुपए से अधिक नहीं हो सकती। इसी वजह से याद रखें कि यदि आपने 80C के तहत बाकी कोई डिडक्शन क्लेम की है तो ये सब 1.50 लाख रुपए तक ही हो सकता है।

होम लोन के ब्याज से बचाएं पैसा
होम लोन प्रिंसिपल के अलावा होम लोन के इंटरेस्ट पर भी छूट दी जाती है। आप इनकम टैक्स के सेक्शन 24 (b) के तहत होम लोन के इंटरेस्ट पर छूट प्राप्त कर सकते हैं। आपको बता दें कि इसमें सिर्फ आपकी ओर से चुकाए गए इंटरेस्ट पर छूट क्लेम की जा सकती है। इनकम टैक्स के नियमों के अनुसार, आप 2 लाख रुपए तक के इंटरेस्ट पर टैक्स छूट क्लेम कर सकती हैं। यह टैक्स छूट तभी प्राप्त की जा सकती है जब प्रॉपर्टी स्वयं व्यस्त यानि कि सेल्फ-ऑक्यूपाइड हो।
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम
आयकर बचाने के उपाय में (Ways to save on income tax) हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम एक बेहतरीन विकल्प है। सेक्शन 80D के तहत आप हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम क्लेम कर सकते हैं। यदि आपने कोई हेल्थ इंश्योरेंस ले रखा है या फिर आप रेग्यूलर हेल्थ चेकअप कराते हैं तो आप इस सेक्शन के तहत उसका प्रीमियम क्लेम कर सकते हैं।
यदि आपने खुद के लिए, जीवनसाथी, माता-पिता और बच्चों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ली है तो आप 25 हजार रुपए तक का प्रीमियम क्लेम कर सकते हैं। इस सिचुएशन में माता-पिता की आयु 60 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
लेकिन यदि आपके माता-पिता सीनियर सिटिजन की श्रेणी में आते हैं, तो टैक्स छूट की लिमिट पचास हजार रुपए हो जाएगी। पांच हजार रुपए तक का हेल्थ चेकअप भी इसमें दिया जाता है। लेकिन, डिडक्शन हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम से अधिक नहीं हो सकता।
डिसेबल्ड डिपेंडेंट्स के इलाज का खर्च
आपको बता दें कि डिसेबल्ड डिपेंडेंट्स के ट्रीटमेंट और मेंटेनेंस में होने वाला खर्च भी क्लेम किया जा सकता है। आप साल में 75,000 रुपए तक क्लेम कर सकते हैं। यदि डिसेबल्ड व्यक्ति की अपंगता 80 प्रतिशत या उससे अधिक है तो आप 1.25 लाख रुपए का टैक्स डिडक्शन मेडिकल खर्चों पर क्लेम कर सकते हैं।
मेडिकल ट्रीटमेंट के पेमेंट पर टैक्स डिडक्शन
इनकम टैक्स अधिनियम 1962 के सेक्शन 80DD 1B के मुताबिक आप खुद के लिए या फिर किसी आश्रित की प्रमुख बीमारी के ट्रीटमेंट के लिए भुगतान किए गए 40,000 रुपए तक की डिडक्शन को क्लेम कर सकते हैं। लेकिन यदि व्यक्ति सीनियर सिटिजन है तो ये सीमा 1 लाख रुपए तय की गई है।
हाउस रेंट अलाउंस
आप सेक्शन 80GG के अंतर्गत हाउस रेंट पेमेंट को क्लेम कर सकते हैं। यदि हाउस रेंट अलाउंस आपकी सैलरी का पार्ट नहीं है तो आप इस सेक्शन के तहत हाउस रेंट पेमेंट को क्लेम कर सकते हैं। लेकिन यदि आपको कंपनी के द्वारा हाउस रेंट अलाउंस दिया जाता है तो आप इस सेक्शन के अंतर्गत हाउस रेंट क्लेम नहीं कर सकते।

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लोन पर छूट
यदि आपने किसी इलेक्ट्रिक व्हीकल को खरीदने के लिए लोन लिया है तो आप उसके इंटरेस्ट पेमेंट पर 1.5 लाख रुपए तक टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं। यह छूट इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80EEB के तहत दी गई है। लेकिन आपको बता दें कि यह टैक्स छूट 31 मार्च 2023 से पहले लिए गए लोन पर ही दी जाएगी।
एजुकेशन लोन के इंटरेस्ट पर टैक्स छूट
आयकर बचाने के उपाय (Ways to save on income tax) में अब हम बात करेंगे एजुकेशन लोन के इंटरेस्ट पर दी जाने वाली टैक्स छूट के बारे में। एजुकेशन लोन पर इंटरेस्ट में टैक्स डिडक्शन का असीमित लाभ मिलता है। साथ ही टैक्स क्लेम उस साल से ही शुरू हो जाता है, जिस साल में आप लोन चुकाना शुरू कर देते हैं। यहां तक कि अगले 7 वर्ष तक इसका लाभ मिलता है। कुल मिलाकर आप 8 वर्ष तक टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।
यदि दो बच्चों के लिए 10 प्रतिशत ब्याज दर पर 25-25 लाख का लोन प्राप्त किया है, तो कुल मिलाकर 50 लाख रुपए पर वार्षिक ब्याज 5 लाख रुपए देना पड़ेगा। आप इस पूरे अमाउंट पर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।